एजेंसियां/न्यूज डेस्क (प्रत्यंगिरा घोष): Morocco Earthquake: मोरक्को के सबसे घातक भूकंप से बचे लोगों को भोजन, पानी और छत्त खोजने के लिये खासा संघर्ष करना पड़ा क्योंकि दूरदराज के गांवों में लापता लोगों की तलाश जारी रही साथ ही 2,100 से ज्यादा लोगों की मौत की तादाद और बढ़ने भी संभावना है। बीते शुक्रवार (8 सितंबर 2023) देर रात आये 6.8 तीव्रता वाले भूकंप के बाद कई लोग खुले में तीसरी रात बिताने की तैयारी कर रहे थे। बता दे कि राहत कर्मियों को हाई एटलस में सबसे ज्यादा प्रभावित गांवों तक पहुंचने में चुनौतियों का सामना करना पड़ा रहा है, जो कि ऊबड़-खाबड़ पर्वत श्रृंखला है, जहां बस्तियां अक्सर दूर-दराज होती हैं। इस इलाके में कई घर ढह गये हैं।
बता दे कि भूकंप में मरने वालों की तादाद बढ़कर 2,122 हो गयी और 2,421 लोग घायल हो गये। मोरक्को की सांस्कृतिक विरासत को हुआ नुकसान तब और ज्यादा साफ हो गया जब स्थानीय मीडिया ने ऐतिहासिक रूप से अहम 12वीं सदी की मस्जिद के ढहने की खबर दी। भूकंप ने यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल माराकेच पुराने शहर के कुछ हिस्सों को भी तबाह कर दिया।
माराकेच से 40 किमी (25 मील) दक्षिण में बसे गांव मौले ब्राहिम के बाशिंदों ने बताया कि कैसे उन्होंने अपने दम पर मलबें से लाशें निकाली। स्थानीय लोगों ने पानी, भोजन और बिजली की कमी की शिकायत करते हुए दावा किया कि उन्हें अब तक बहुत कम सरकारी सहायता मिली है।
इलाके में मिट्टी की ईंटों, लकड़ी, सीमेंट और विंड ब्लॉकों से बने कई घर आसानी से ढह जाते हैं। 1960 के बाद से ये मोरक्को में आया सबसे घातक भूकंप था, उस दौरान अनुमान लगाया गया था कि भूकंप के चलते कम से कम 12,000 लोग मारे गये थे। बुरी तरह प्रभावित अमीज़मिज़ गांव (Amizmiz Village) में स्थानीय की मदद से बचावकर्मी ढहे हुए घरों में खुदाई कर रहे थे। बचाव कार्य में मदद के लिये जुटी सेना ने बेघरों के लिये तंबू वाला कैंप बनाया। इस दौरान ज्यादातर दुकानें तबाह होने या बंद होने की वज़ह से निवासियों को खाना और सप्लाई हासिल करने के लिये संघर्ष करना पड़ा।
मोरक्को सरकार ने बीते शनिवार (2 सितंबर 2023) को कहा कि वो आपदा से निपटने के लिये खोज और बचाव टीमों को मजबूत करने, पीने का पानी उपलब्ध कराने के साथ साथ खाना, तंबू और कंबल बांटने समेत फौरी राहत के लिये कवायदों को रफ्तार दे रही है।
इसी मुद्दे पर फ्रांस (France) ने कहा कि वो मदद के लिये पूरी तरह तैयार है और मोरक्को से औपचारिक अनुरोध का इंतजार कर रहे है। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन (President Emmanuel Macron) ने नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन में कहा कि, “अगर मोरक्को फैसला लेता है कि हमारा फौरी दखल उपयोगी है तो फ्रांस मोरक्को को अपनी मदद देने के लिये तैयार है। जैसे ही वो इस सहायता की गुज़ारिश करेंगे तो मदद के सभी विकल्प खोल दिये जायेगें।”
सहायता की पेशकश करने वाले अन्य देशों में तुर्की भी शामिल है, जहां फरवरी में आये भूकंप में 50,000 से ज्यादा लोग मारे गए थे। खब़र लिखे जाने तक तुर्की टीम मोरक्को के लिये रवाना नहीं हुई थी।
हालांकि स्पेन (Spain) ने कहा कि उसे बीते रविवार (10 सितंबर 2023) को मदद के लिये मोरक्को से औपचारिक अनुरोध हासिल हुआ, जिसके बाद 56 अधिकारियों और चार खोजी कुत्तों समेत एक टीम मोरक्को पहुँच चुकी है। कतर ने ये भी कहा कि उसकी खोज और बचाव टीम मोरक्को के लिये रवाना हो गयी है।
संयुक्त राज्य अमेरिका ने हालातों का आकलन करने के लिये आपदा विशेषज्ञों की एक छोटी टीम को मोरक्को भेजी। इसी मसले पर अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि वो रविवार को मैदान पर पहुंच चुके है।
इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस एंड रेड क्रिसेंट सोसाइटीज (आईएफआरसी) के ऑप्रेशंस के ग्लोबल डायरेक्टर कैरोलिन होल्ट ने कहा कि, “मलबे में फंसे लोगों को ढूंढने के लिये अगले 2-3 दिन काफी अहम होंगे।” इसके साथ ही उन्होनें आगे कहा कि अंतरराष्ट्रीय सहायता प्रणाली मदद के लिये मोरक्को से न्यौते का इंतजार कर रही है, ये जरूरी नहीं है कि ये असामान्य हो क्योंकि सरकार जरूरतों के हिसाब से इसका आकलन करती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO- World Health Organization) ने कहा कि इस आपदा से 300,000 से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। पोप फ्रांसिस (Pope Francis) ने पीड़ितों के लिये प्रार्थना और एकजुटता की पेशकश की। मोरक्को ने तीन दिनों के शोक का ऐलान किया और राजा मोहम्मद VI ने देश भर की मस्जिदों में मृतकों के लिये प्रार्थना करने का आह्वान किया।
बता दे कि भूकंप का केंद्र माराकेच (Marrakech) से 72 किमी (45 मील) दक्षिण-पश्चिम में था, जो कि मोरक्को के लोगों और विदेशी पर्यटकों का पसंदीदा शहर है, ये इलाका अपनी मध्ययुगीन मस्जिदों, महलों और मदरसों समेत गुलाबी रंग की गलियों की भूलभुलैया के बीच शानदार मोज़ेक टाइलिंग के लिये जाना जाता है।