नई दिल्ली (निकुंजा राव): मुश्किल हालातों के बीच सरकार सहित पूरा देश एक साथ-एक मंच पर खड़ा है। दिहाड़ी मजदूरों (daily wages labours) और गरीबों की मदद के लिए तकरीबन सभी राजनीतिक पार्टियां, बड़े सांस्कृतिक संगठन और कॉरपोरेट्स खुलकर आगे आ रहे हैं। कोई प्रवासी मजदूरों को आर्थिक सहायता (financial help) मुहैया करा रहा है तो कोई गरीबों के लिए भोजन की व्यवस्था करने में लगा है। लेकिन इस बीच एक बड़ी आत्ममुग्ध ज़मात भी सामने आई है, जो मदद करने के नाम पर गरीबों की बेबसी का मज़ाक उड़ा रही है। कई लोग मदद करने से जुड़े पोस्ट सोशल मीडिया पर साझा कर वाहवाही लूटने की होड़ में लगे हुए हैं साथ ही कुछ लोग सहायता देने के नाम पर पॉलीटिकल एजेंडा साधने की कोशिश कर रहे हैं।
कुछ ऐसा ही वाकया सामने आने पर भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने ट्वीट कर लिखा कि- कांग्रेस शासन वाले राज्यों में, राहत सामग्री बांटने से पहले लोगों से पूछा जाता है कि, अच्छा कौन है मोदी या गहलोत। अगर बूढ़ी मां मोदी का नाम लेती है तो उससे राशन वापस ले लिया जाता है। ये प्रश्न पत्र सोनिया गांधी जी ने सेट किया है? अमानवीय व्यवहार के लिए ऐसे विधायकों को शर्म आनी चाहिए।
video में दिखाया गया है कि,राहत शिविर में राशन वितरण करने के दौरान एक व्यक्ति बूढ़ी अम्मा से पूछता जाता है कि, कौन अच्छा है मोदी या गहलोत। हाथ में माइक लिया शख्स कहता है कि मोदी का नाम लिया तो राशन यही छोड़ जाओ।
संबित पात्रा (Sambit Patra) द्वारा ट्विटर पर साझा किया गया ये वीडियो राजस्थान का है। वीडियो में दिखाई देने वाला शख्स कौन है अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन राहत सामग्री बांटने वाले शख्स़ का रवैया बेहद घिनौना और अमानवीय है। महामारी के हालातों में गरीबों को सहायता पहुंचाने के नाम पर इस तरह पॉलिटिकल नैरेटिव फैलाना बेहद शर्मनाक काम है।