नई दिल्ली (प्रियंवदा गोप): लंबे वक्त के बाद अब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने माना कि कोरोना वायरस (Corona Virus) की कड़ियां चीनी शहर वुहान से जुड़ती हैं। हालांकि डब्ल्यूएचओ (WHO) ने इस तथ्य को और भी पुख्ता करने के लिए शोध कार्यों को आगे बढ़ाने का दावा किया। गौरतलब है कि जैसे ही वायरस फैलने की खबरें सामने आई, आनन-फानन में चीनी सरकार ने वुहान शहर और उस मार्केट को तुरंत बंद करवा दिया जहां से इसके फैलने के तार जुड़े हुए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से डॉक्टर पीटर एम्बारेक ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा कि- वायरस के फैलने में वुहान के पशु बाज़ार की अहम भूमिका रही है। फिलहाल इस भूमिका ने किस तरह काम किया इसे लेकर वैज्ञानिक जांच पड़ताल जारी है। हालांकि ये किसी जानवर से फैला या फिर कोई बाहरी आदमी इसे चीन में लेकर आया। इस पर रिसर्च की जा रही है।
इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से चीन को वायरस फैलाने के मामले पर क्लीन चिट दी गई थी। जिसके बाद डब्ल्यूएचओ और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच तल्ख़ियां सामने आयी। राष्ट्रपति ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन पर चीन का पक्ष लेने का आरोप लगाया साथ ही संगठन को मिलने वाली अमेरिकी सहायता राशि पर भी विचार करने की बात कही।
हाल ही में कुछ दिन पहले व्हाइट हाउस में हुई प्रेस ब्रीफिंग के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप ने दावा किया कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी द्वारा तैयार रिपोर्ट इशारा करती है कि वायरस फैलाने में चीन का सीधा हाथ है। अगर चीन चाहता तो अपने स्तर पर ही हालातों पर लगाम लगा सकता था लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। जिसकी वजह से इसका खामियाज़ा पूरे विश्व को भुगतना पड़ा। मौका आने पर खुफिया विभाग की रिपोर्ट का खुलासा किया जाएगा। यूनाइटेड स्टेट सेक्रेटरी ऑफ स्टेट माइक पॉम्पियो ने भी एक टीवी कार्यक्रम के दौरान कुछ इसी तरह के बयान दिए थे। उन्होंने कहा था कि- हमें खुफिया विभाग द्वारा तैयार रिपोर्ट पर पूरा भरोसा है। सबूत इतने पुख्ता हैं कि वुहान की वायरोलॉजी लैब की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता। हम इस मामले की काफी गहराई से छानबीन करवा रहे हैं।
वायरस के कारण पैदा हुए नाज़ुक हालातों का कनेक्शन कहीं ना कहीं चीन से आ जुड़ता है। संक्रमण का केंद्र वुहान में होना, मामले का खुलासा करने वाले पत्रकार और डॉक्टर को कम्युनिस्ट सरकार द्वारा गायब करवा देना। वुहान के बगल में स्थित वे प्रांत जहां पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के उच्चाधिकारी और कम्युनिस्ट सरकार के कई बड़े मंत्री रहते हैं वहां इंफेक्शन का खतरा ना के बराबर होना। कहीं ना कहीं चीन को सवालों के दायरे में ज़रूर घेरता है।