न्यूज डेस्क (समरजीत अधिकारी): लद्दाख (Ladakh) के पास पैंगोंग त्सो झील का इलाका अस्पष्ट सीमा होने के कारण भारत और चीन के बीच विवाद का विषय बना रहता है। जब से इस इलाके में भारत की ओर से इंफ्रास्ट्रक्चरल गतिविधियों को बढ़ाया गया है, तब से ही भारत की ये पहल चीन की आंखों की किरकिरी बना हुआ है। इस इलाके में अक्सर इंडियन आर्मी और पीपल लिबरेशन आर्मी के जवानों की झड़प और तनाव की खबरें सामने आती रही है। गश्त लगाते हुए अक्सर दोनों ओर के जवान सीमा विवाद को लेकर भिड़ जाते हैं। हाल ही में सिक्किम (Sikkim) से सटी सीमा पर इंडियन आर्मी के लेफ्टिनेंट में चीनी मेजर की नाक घूंसा मार के तोड़ दी। जिसके बाद काफी गहमागहमी का माहौल बन गया। ब्रिगेड स्तर के कमांडरों और राजनयिक बातचीत के बाद मामला नियंत्रण में आया।
दोनों देशों की सेनाओं के बीच नाजुक होते हालातों में भारतीय सेना प्रमुख एमएम नरवाणे का बयान सामने आया, उन्होंने कहा- भारतीय सेना के जवान सीमा से सटे इलाकों पर शांति बनाए रखते है। चीन से लगी सीमा पर हमारे जवान किसी भी तरह की उकसावे की कार्रवाई करने से बचते हैं। दोनों देशों के सैनिकों के बीच जो झड़प हुई है, उससे दोनों ओर के कूटनीतिक और राजनयिक संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। दोनों तरफ के सैनिकों ने आपसी बातचीत से मामला सुलझा लिया है। आने वाले वक्त में हमें ऐसे मामलों से बचना होगा।
दूसरी ओर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा- मामले को लेकर दोनों ओर के लोग डिप्लोमेटिक चैनल पर बातचीत कर रहे हैं। पीएलए के जवान एलएसी पर तयशुदा चीनी सीमा में पेट्रोलिंग कर रहे थे। जिस दौरान भारतीय सेना के जवानों ने इस वारदात को अन्ज़ाम दिया।
भारतीय सेना ने औपचारिक बयान में कहा- इस तरह की घटनाओं का समाधान निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत निकला जायेगा। भारतीय सेना का मनोबल काफी ऊंचा है। एलएसी के निर्धारण को लेकर अनिश्चितता का स्थिति है। ऐसे इस तरह की घटनाएं हो जाती है।