न्यूज डेस्क (निकुंजा राव): आत्मनिर्भर भारत राहत पैकेज पर केंद्र सरकार को नसीहत देने के बाद राहुल गांधी सीधे Ground Zero पर पहुंचे। बिना किसी पूर्व निर्धारित योजना के राहुल गांधी सुखदेव विहार फ्लाईओवर के पास नज़र आए। जहां उन्होंने प्रवासी मजदूरों से उनका हालचाल जाना। और उन्हें मास्क, पानी, खाना और सैनिटाइजर (Sanitizer) भी मुहैया करवाया। कुछ प्रवासी श्रमिकों को उन्होंने उनके गृह नगर तक छोड़ने के लिए गाड़ी भी उपलब्ध करवाई। इस बीच ये अफवाह काफी तेजी से फैली कि, राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से बातचीत करने वाले मजदूरों को हिरासत में लिया गया है। मामले पर दिल्ली पुलिस (Delhi Police) में स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा- फिलहाल प्रवासी मजदूरों को मौके पर रोका गया है। लॉकडाउन नियमों के चलते बड़ी तादाद में लोगों को यूं वाहनों में जाने की इजाजत नहीं है। राहुल गांधी के इस कदम को सियासी पहल के तौर पर देखा जा रहा है। लॉकडाउन लागू होने के बाद पहली बार कांग्रेस का कोई बड़ा नेता सड़कों पर उतरा है।
गौरतलब है कि बढ़ते वायरस इन्फेक्शन के मामले को राहुल गांधी कुछ हद तक भुनाने में कामयाब रहे हैं। वुहान से वायरस इन्फेक्शन (Virus infection) का खतरा जब तेजी से दुनिया के दूसरे हिस्सों में फैल रहा था, तब राहुल गांधी ने ही केंद्र सरकार का ध्यान इस ओर खींचते हुए वक्त रहते कड़े एहतियातन कदम उठाने की नसीहत दी थी। हाल ही में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (video conferencing) करके राहुल गांधी ने आत्मनिर्भर भारत राहत पैकेज के लाभ न्याय योजना के तर्ज पर सीधे प्रवासी मजदूरों (migrant workers) और किसानों के बैंक खातों में देने की वकालत की थी।
वायरस इन्फेक्शन के माहौल के बीच राहुल गांधी का यूं सड़कों पर उतर कर मजदूरों से मिलना। कहीं ना कहीं उन्हें सियासी बढ़त दिलवाएगा। दूसरी ओर भाजपा का कोई भी बड़ा नेता अभी तक सड़कों पर नहीं उतरा। कुल मिलाकर कांग्रेसी नेता लंबे समय तक ही दावा कर सकते हैं कि उनके दिग्गज नेता राहुल गांधी संक्रमण के खतरे के बीच लोगों का दुख दर्द जानने उनके बीच पहुंचे। यानि कि कांग्रेस को पॉलिटिकल माइलेज (Political mileage) मिलना लगभग तय है।