न्यूज़ डेस्क (शौर्य यादव): दिल्ली हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति प्रतीक जालान (Justice Prateek Jalan) ने अज़ब फैसला सुनाते हुए सबको हैरत में डाल दिया। तिहाड़ जेल (Tihar Jail) में उम्र कैद की सजा काट रहे एक कैदी ने दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi high court) में दुल्हन तलाशने की दरख्वास्त दायर की। कैदी हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा काट रहा है। कैदी द्वारा दायर की गई पैरोल (Parole) को मंजूरी भी मिल गई। सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की अगुवाई वाली न्यायिक पीठ (Judicial bench) ने कहा- भले ही कैदी आपराधिक प्रवृत्ति (Criminal instinct) का है, लेकिन उसका परिवार सामाजिक दायरों (Social circles) से बंधा हुआ है। इन सामाजिक संबंधों को कायम रखने के आधार पर ही पैरोल याचिका दायर की गई। ऐसे में अभियुक्त की रिहाई से उसके परिवार के सदस्य को कोई हानि नहीं होगी।
न्यायिक पीठ ने पच्चीस हजार के निजी मुचलके पर कैदी को रिहाई दे दी। साथ ही न्यायिक पीठ ने कैदी की रिहाई से जुड़े ख़ास निर्देश जेल अधिकारियों (Prison officials) को दिए। जिसके तहत रिहाई के वक्त और आत्मसमर्पण के समय विशेष सावधानी (Special caution) बरतने की बात कही। रिहाई की अवधि के दौरान पुलिस अधिकारियों को कैदी पर खास निगरानी रखने के आदेश भी दिये। जिसका पालन करने के लिए पंजाबी बाग और सिविल लाइन थाने (Punjabi Bagh and Civil Line Police Station) के प्रभारियों को आरोपी का मोबाइल नंबर (Mobile Number) मुहैया करवाया जाएगा। न्यायिक खंड पीठ ने कैदी को हर समय मोबाइल फोन चालू रखने की हिदायत भी दी। कैदी को दिल्ली के जिला सत्र न्यायालय (District Sessions Court) ने साल 2005 में हुई हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा सुनाई थी।
इससे पहले भी कई कैदियों ने न्यायपालिका से मानवीय आधारों पर गुहार लगाकर सजा अवधि के दौरान शादियां की है। हालांकि दिलचस्प ये है कि, उम्र कैद की सजा काट रहे शख़्स से कौन अपनी बेटी ब्याहेगा?
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