न्यूज़ डेस्क (समरजीत अधिकारी): कोरोना वायरस (Corona virus) के लिए कहीं ना कहीं चमगादड़ों (rearmouse) जिम्मेदार ठहराया जाता है। ऐसे में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर (Gorakhpur) में पिछले दो दिनों के दौरान तकरीबन 650 से चमगादड़ों की मौत से स्थानीय प्रशासन (Local administration) के हाथ-पांव फूल गए। घटना के देखते हुए ग्रामवासी (Villager) भी सकते में आ गये। गोरखपुर के दक्षिण में बसे गोला और बेलघाट ब्लॉक (Belghat block) में बड़ी संख्या में चमगादड़ों के मरने की खबर से लोग एकाएक दहशत में आ गये। स्थानीय लोगों के मुताबिक मौके पर कई चमगादड़ बेसुध तड़प रहे थे।
स्थानीय संवाददाता के मुताबिक गोला ब्लॉक के गोपालपुर गांव में 350 और बेलघाट ब्लॉक में राधा स्वामी सत्संग ब्यास भवन (Radha Swami Satsang Beas Bhawan) के पास में बने आम के बगीचे में 300 चमगादड़ों मरे पाये गये। स्थानीय लोगों ने तुरंत प्रशासन को घटना की सूचना दी। वन विभाग और पशुपालन विभाग (Forest Department and Animal Husbandry Department) की टीमें तुरंत मौके का मुआयना करने पहुंची। प्रारंभिक जांच (preliminary enquiry) के बाद संबंधित अधिकारियों ने पूरे मामले की जांच का आश्वासन स्थानीय निवासियों को दिया। इस बीच किसी तरह के इन्फेक्शन की संभावनाओं (Infection possibilities) से बचने के लिए कई ग्रामीणों ने पहल करते हुए चमगादड़ों मिट्टी में दफन कर दिया।
मामले पर मंडल वन अधिकारी अविनाश कुमार (Divisional Forest Officer Avinash Kumar) ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा- प्रारंभिक जांच से लगता है कि, गर्मी के प्रकोप (Heat outbreak) या कीटनाशकों के कारण इतनी बड़ी संख्या में चमगादड़ मारे गए हैं। तेज गर्मी के कारण इलाके के कई तालाब और पोखरे सूख चुके हैं। ऐसे में गर्मी और प्यास से मरने की बड़ी संभावनाएं हैं। फिलहाल मरे हुए चमगादड़ों का सैंपल और विसरा जांच रिपोर्ट (Viscera test report) के सामने आने पर कुछ ठोस निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकेगा। फिलहाल चमगादड़ों के शवों की जांच इंडियन वेटनरी रिसर्च इंस्टीच्यूट (Indian Veterinary Research Institute) बरेली में चल रही है।