न्यूज़ डेस्क (श्रेयसी श्रीधरा): देश में इंफेक्शन रोकथाम के कामों में लगे सुरक्षा बल, पुलिस, स्थानीय प्रशासन, डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ पर लगातार हमले बढ़ गए हैं। गृह मंत्रालय की ओर से कई बार कोरोना वॉरियर्स के खिलाफ हिंसा ना करने की अपील की गई। बावजूद इसके देश के कई हिस्सों से ऐसी घटनाएं लगातार सामने आ रही है। हाल ही में पश्चिम बंगाल के हावड़ा और महाराष्ट्र के औरंगाबाद में भी इस तरह की घटनाएं सामने आई। कोरोना वॉरियर्स पर ज्यादातर हमले करने वाले लोगों में प्रवासी मजदूर, असामाजिक तत्व, आस-पड़ोस के लोग और मेडिकल व्यवस्था से परेशान संक्रमित व्यक्ति के परिजन शामिल है। ऐसे में स्थानीय प्रशासन को संक्रमण संभालने के साथ शांति-व्यवस्था कायम करने की दोहरी चुनौती पर काम करना पड़ रहा है।
इसी के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि- मैं ये साफ तौर पर कहना चाहता हूं कि, वायरस इन्फेक्शन की रोकथाम में लगे फ्रंटलाइन वर्कर्स के खिलाफ किसी भी तरह का अशिष्ट व्यवहार स्वीकार्य नहीं होगा।
प्रधानमंत्री का ये ट्वीट देशभर में फैले उन लोगों के लिए खुली चेतावनी है, जो कोरोना योद्धाओं से बदसलूकी कर रहे हैं। जहां एक ओर कोरोना वॉरियर्स अपने जान और परिवार की परवाह ना करते हुए, दिन-रात एक कर मेडिकल आपातकाल को सामान्य बनाने में लगे हुए हैं। ऐसे में सभी देशवासियों का फर्ज बनता है कि, उनका सहयोग करते हुए उन्हें पर्याप्त सम्मान दे।