नई दिल्ली (समरजीत अधिकारी): बढ़ते वायरस इन्फेक्शन ने देश के मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर कई बड़े सवालिया निशान लगा दिये। सवाल ये है कि अगर 6 साल पहले आता Corona तो होते खतरनाक हालात? फ़िलहाल काफी हद तक हालात अभी भी नियंत्रण में बने हुए हैं। कई विकसित देशों की तुलना में भारत की स्थिति बेहतर है। भले ही पूरे देश के लिए ये मुश्किल दौर हो, चुनौतियां के साथ संभावनाएं भी पैदा होती है।
इस दौरान देश को चुनौतियों, समाधान और जोखिम से जुड़े कई अहम सबक मिले। ऐसे में कई सवाल उठने लाज़िमी है। अगर मौजूदा दौर में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार होती तो हालात कैसे होते? निश्चित तौर पर प्रशासनिक और मेडिकल ढांचा कभी का ढह गया होता। मेडिकल आपातकाल के चलते देशभर में अराजकता का माहौल बनता। गृह युद्ध की संभावनाओं से इनकार भी नहीं किया जा सकता।
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के कार्यकाल के दौरान हुए सिलसिलेवार घोटालों ने देश को आर्थिक स्तर पर खोखला कर दिया था। मौजूदा दौर में भले ही हालात नाजुक बने हुए हैं, लेकिन मोदी सरकार (Modi Government) ने स्थिति को काफी हद तक गंभीर बनने से रोका है। पीएम मोदी की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार ने कई ऐसे फैसले लिए जिससे मौजूदा हालातों को स्थिर रखने में काफी मदद मिली।
लॉकडाउन को कामयाब करने के पीछे मोदी सरकार की कई बड़ी योजनाएं काम कर रही है। केंद्र सरकार की स्वच्छ भारत योजना के तहत तकरीबन दस करोड़ घरों में शौचालय का निर्माण करवाया गया। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना ने 8 करोड़ घरों को धुआं मुक्त रसोई की सुविधा मुहैया करवाई। प्रधानमंत्री आवास योजना ने दो करोड़ परिवारों को रहने के लिए पक्के मकान की सुविधा सुनिश्चित की। सौभाग्य योजना ने 18000 गांवों को रोशन किया।
प्रधानमंत्री जन धन योजना ने देश के 36 करोड़ लोगों को बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध करवायी। गौर करने वाली बात है अगर यह सुविधाएं जमीन पर लागू ना होती, तो लॉकडाउन के दौरान देशभर में कैसे हालात पैदा होते? यदि सत्ता के केंद्र में एनडीए की सरकार होती तो, देशभर में हालात किस कदर बिगड़ते इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।