आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल को चुनावी अखाड़े में उतरने से पहले ही कई चुनौतियां का सामना करना पड़ रहा है। पहली चुनौती तो उन 15 विधायकों को मानने की है, जिनका चुनावी टिकट इस बार काट दिया गया है। ये बागी विधायक भारी उल्टफेर करने का माद्दा रखते है। अब एक नयी खब़र अरविंद केजरीवाल के लिए भारी परेशानी का सब़ब बन सकती है।
इस बार पार्टी ने कालका जी विधानसभा सीट से मौजूदा विधायक अवतार सिंह काल्का को टिकट ना देकर, इस सीट से आतिशी मार्लेना को मौका दिया है। जिसके कारण विधायक और उनके समर्थकों को बीच भारी नाराज़गी देखी जा रही है।
दूसरी ओर हरिनगर विधानसभा सीट से विधायक जगदीप सिंह ने भी आम आदमी पार्टी छोड़ने की खुली घोषणा कर दी है। जगदीप सिंह ने दावा किया कि, वो आप का साथ छोड़ रहे है। कई दूसरे राजनीतिक दल उनके सम्पर्क में है। जगदीप सिंह ने 2015 के विधानसभा चुनावों में अपने नज़दीकी भाजपा प्रत्याशी को हराया था।
गौरतलब है कि दिल्ली में सिखों की अच्छी खासी तादाद है। सिख बहुल इलाकों में सिख प्रत्याशियों को उतारने से पिछले विधानसभा चुनावों में अरविंद केजरीवाल को बेहतरीन पॉलिटिकल माइलेज मिली थी। मोती नगर, राजौरी गार्डन, तिलक नगर, हरिनगर, कालका जी, जनकपुरी जैसे इलाकों में सिख आबादी के वोट गेम चेंजर साबित होते रहे है। इस बार भी आप ने चांदनी चौक सीट से प्रह्लाद सिंह साहनी और तिलक नगर सीट से जनरैल सिंह को टिकट देकर सिख वोटों पर नज़र गड़ाई है।
दूसरी और कालका जी सीट पर अवतार सिंह दावा कर रहे है कि- केजरीवाल का उनको टिकट ना देना भारी भूल साबित हो सकती है। इलाके में आतिशी वापस जाओं के नारे लगाये जा रहे है। अगर पार्टी ने टिकट बंटवारे को लेकर उनसे चर्चा की होती तो ऐसे हालात ना बनते। कालका जी विधानसभा सीट पर उन सिखों का काफी दबदबा है, जो किसी ज़माने में बतौर शरणार्थी यहाँ पर आकर बसे थे। पिछले कई विधानसभा चुनावों का चलन ये बताता है कि, इस वर्ग का झुकाव जिस ओर बनता है सीट वहीं निकाल पाता है।