नई दिल्ली (शौर्य यादव): इंफेक्शन बढ़ते माहौल के बीच सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा। तकरीबन सभी राज्य सरकारें जनता को बेहतर मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध करवाने और हालातों को स्थिर बनाए रखने का दावा कर रही है। लेकिन जमीनी हकीकत इससे ठीक उलट है। सोशल मीडिया ऐसे कई वीडियो से पटा हुआ है, जिनमें मरीज इलाज पाने के लिए दर-बदर भटक रहे हैं। मौजूदा हालातों में राजधानी दिल्ली सहित देश के कई हिस्सों में चरमराती हुई स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल उजागर हो चुकी है।
जब संक्रमित मरीज अस्पताल पहुंचता है तो, उसे बेड खाली ना होने का हवाला देते हुए वापस भेज दिया जाता है। कहीं पीपीई किट की कमी है तो कहीं टेस्टिंग किट ही नहीं उपलब्ध है। ज्यादातर अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही से लोगों की जान जा रही है। चारों तरफ लापरवाही और अराजकता का माहौल इस कदर फैला हुआ है कि, मृतक के परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए किसी और का शव सौंपा जा रहा है।
लापरवाही, अराजकता और गैर जिम्मेदाराना रवैये के चलते माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाई। साथ ही वायरस इन्फेक्शन से लड़ने में केजरीवाल सरकार की तैयारियों को अधूरा बताया। सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली सरकार को लताड़ लगने के बावजूद, अरविंद केजरीवाल के विधायक हालातों पर ध्यान देने की बजाय सियासी रोटियां सेक रहे हैं। ताजा मामला दिल्ली के उत्तम नगर से विधायक नरेश बालियान से जुड़ा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तंज कसते हुए, उन्होंने लिखा कि- उत्तर प्रदेश वाले बाबा का अनोखा ही अंदाज है। नो टेस्ट, नो कोरोना।
नरेश बालियान कि इस ट्वीट के बाद दिल्ली के लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। मामले पर यूजर सुरेंद्र गुप्ता लिखते हैं कि, सर जी दिल्ली में कहां हो रहे हैं टेस्ट, सरकारी अस्पताल रहने ही दे प्राइवेट में भी नहीं हो रहे हैं टेस्ट।
यूजर अंकित शिवा ने कहा- सुप्रीम कोर्ट किसे औक़ात दिखाया था भूल गए का, और up वाले बाबा का चिंता छोड़ दीजिए, क्यों कि कार्य करने की हिम्मत नही है आपमे
अजय शर्मा भी तीखे अंदाज में हमला करते हुए लिखते हैं कि- सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगायी। COVID टेस्टिंग क्यों कम की गयी दिल्ली में?अस्पतालों में bed नहीं। कूड़े में शव मिल रहें है। सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल के असफलता पर कड़ी फटकार लगाई। दिल्ली का सच आज हम सब के सामने है। #केजरीवालफेलहै
फिलहाल दिल्ली की जमीनी हकीकत ये है कि, सभी सरकारी अस्पतालों के बाहर लोग इलाज के लिए बदहवास भटक रहे हैं। जो आरोप नरेश बालियान योगी आदित्यनाथ पर लगा रहे हैं। ठीक वही काम दिल्ली सरकार अभी कर रही है। दिल्ली में कोरोना टेस्टिंग की दर में दिल्ली सरकार द्वारा 38 फ़ीसदी की कमी की गई है। इस तरह दिल्ली सरकार इंफेक्शन टेस्टिंग कम करके दिल्ली की खोखली मेडिकल व्यवस्था पर पर्दा डालना चाहती है।