नई दिल्ली (दिगान्त बरूआ): Priyanka Gandhi ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Congress President Sonia Gandhi) की मांग का समर्थन करते हुए, देशभर के चिकित्सा संस्थानों (Medical institutes) में अन्य पिछड़ा वर्ग (Other backward classes) को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) में राष्ट्रीय स्तर का कोटा लाभ देने की पैरवी की। पूर्वी उत्तर प्रदेश में AICC की महासचिव और प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra, general secretary and in-charge of AICC in Uttar Pradesh) ने इसे जायज़ा ठहराते हुए, इसे सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने वाला कदम बताया।
इस मसले पर प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्विट कर लिखा कि- कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी जी ने NEET से भरी जा रही सीटों में राष्ट्रीय कोटा के तहत राज्य व केंद्रशासित प्रदेशों के चिकित्सा संस्थानों में ओबीसी वर्ग के छात्रों को आरक्षण देने की जायज माँग (Legitimate demand) उठाई है। ये सामाजिक न्याय (Social justice) का तकाजा है। आशा है कि केंद्र सरकार इस पर अमल करेगी।
पीएम मोदी को लिखे खत में सोनिया गांधी ने कहा- मैं आपका ध्यान राज्य/केंद्रशासित प्रदेश के मेडिकल संस्थानों में NEET के माध्यम से भरे जा रहे ऑल इंडिया कोटा की ओर कराना चाहती हूँ। इस प्रवेश प्रक्रिया में ओबीसी तबके से आने वाले छात्रों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है। अखिल भारतीय आरक्षण कोटे (All India Reservation Quota) के अन्तर्गत केन्द्र और राज्य सरकारों द्वारा संचालित मेडिकल संस्थानों (Medical institutions run by central and state governments) में अनुसूचित जाति के छात्रों को 15 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति के छात्रों को 7.5 फीसदी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के उम्मीदवारों को 10 प्रतिशत सीटें के आरक्षण का प्रावधान है।
खत में आगे उन्होनें पीएम मोदी को लिखा कि- साल 2017 के ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ अदर बैकवर्ड क्लासेस (All india federation of other backward classes) द्वारा इकट्ठा किये गये आंकड़ों के मुताबिक 11,000 ओबीसी छात्रों को इस प्रवेश परीक्षा में आरक्षण का लाभ हासिल नहीं हो पाया था। जिसका सीधा कारण है। केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा चिकित्सा शैक्षिणक संस्थानों (Medical educational institutions) में ओबीसी आरक्षण का लागू ना किया जाना।
पत्र में सोनिया गांधी ने संविधान के 93 वें संशोधन का विवरण देते हुए लिखा- सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्ग के नागरिकों की उन्नति के लिए विशेष प्रावधान (Special Provisions) सुनिश्चित किये गये है। जिस तरह से अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों को शैक्षणिक संस्थानों में विशेष प्रावधान हासिल है। चाहे वे संस्थान केन्द्र सरकार द्वारा सहायता प्राप्त हो, या राज्य सरकार द्वारा सहायता प्राप्त हो या फिर उन शैक्षणिक संस्थानों का संचालन अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों (Minority Educational Institutions) कर रहे हो।
आखिर में सोनिया गांधी ने पीएम मोदी से अपील करते हुए लिखा- राज्य सरकारों द्वारा संचालित मेडिकल शैक्षणिक संस्थान, राष्ट्रीय स्तर आरक्षण के तहत ओबीसी छात्रों को आरक्षण देने में इंकार कर रहे है। ये सीधे तौर पर संविधान के 93 वें संशोधन का उल्लंघन है। मेडिकल के क्षेत्र में ओबीसी उम्मीदवारों को योग्य बनाने और एडमिशन लेने में ये मसला बड़ी रूकावटें पैदा कर रहा है। समता और सामाजिक न्याय (Equality and Social Justice) को ध्यान में रखते हुए मैं (सोनिया गांधी) आपसे (पीएम मोदी) से आग्रह करती हूँ कि, राज्य सरकारों और केन्द्र सरकार द्वारा संचालित सभी मेडिकल संस्थानों में मेडिकल और डेंटल सीटों (Medical and dental seats) पर ओबीसी छात्रों का आरक्षण सुनिश्चित हो।