न्यूज़ डेस्क (समरजीत अधिकारी): राजस्थान की सियासी तस्वीर (Rajasthan Politics) में अब आयकर विभाग की एन्ट्री से मामला काफी दिलचस्प हो गया है। सूत्रों के अनुसार प्रदेश में राजनीतिक गहमागहमी (Political rhetoric) के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) के करीबियों पर आयकर विभाग ने नकेल कसनी शुरू कर दी है। साथ ही खरीद-फरोख्त से बचाने के लिए अशोक गहलोत ने जिस होटल में विधायकों को ठहराया था। उस होटल के मालिक को भी इन्कम टैक्स डिपार्टमैंट (Income Tax Department) ने नोटिस जारी कर दिया है। सूबे में मचे राजनीतिक घमासान के बीच सीएम के सहयोगियों पर आयकर विभाग के छापे नये समीकरण की ओर इशारा करते दिख रहे है।
जिस होटल में सीएम गहलोत ने कांग्रेसी विधायकों (Congress MLAs) को ठहराया था। उस होटल के मालिक रतनकांत शर्मा (Ratankant Sharma) मुख्यमंत्री के काफी नजदीकी सिपहसालार माने जाते है। आयकर विभाग की टीम जब उनके यहां छापा मारा तो 96 करोड़ रूपये की नगदी बरामद की गयी। इसके साथ आयकर विभाग ने सुनील कोठारी, राजस्थान कांग्रेस के उपाध्यक्ष राजीव अरोड़ा और धमेन्द्र राठौड़ को भी छापेमारी के लिए नोटिस जारी कर दिया है।
राजस्थान कांग्रेस उपाध्यक्ष राजीव अरोड़ा के पांच अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी (Income tax department raids) की। इस दौरान आयकर विभाग को भारी मात्रा नगदी, गहने, इंवेस्टमेन्ट्स और दूसरी संपत्तियों का पता लगा। विभाग के छापमार दस्ते ने 14 जुलाई के दौरान दिल्ली-मुंबई और राजस्थान के अलग अलग ठिकानों पर छापा मारा।
दूसरी ओर सीएम अशोक गहलोत ने सचिन पायलट (Sachin Pilot) पर नरमी बरतते हुए, उनके परिवार से पुरानी जान-पहचान का हवाला दिया और उन्हें गले लगाने की बात कही। गहलोत के मुताबिक सचिन ने कई बार उनकी नाफरमानी की और तयशुदा प्रोटोकॉल (Default protocol) से बाहर जाकर काम किये। जिसे उन्होनें हर बार नज़र अन्दाज़ किया।
सीएम गहलोत ने कहा- मैं सचिन को तब से जानता हूँ, जब वो तीन साल के बच्चे थे। पायलट परिवार के साथ मेरे हमेशा से ही मधुर संबंध रहे है। अभी सचिन का पास सिर्फ 15-17 विधायक है, जिनके दम पर वो प्रदेश सरकार का अस्थिर करने का सपना देख रहे है। भाजपा की अगुवाई वाली हरियाणा सरकार (BJP-led Haryana government) के दम पर, ये कितने दिन विधायकों का मानेसर में रोक पायेगें। मानेसर में बैठे विधायक वापस विधानसभा भवन में आना चाहते लेकिन उन्हें जब़रन हरियाणा पुलिस (Haryana Police) ने बंधक बना रखा है।
अहम सवाल ये है कि मामले में आयकर विभाग की एकाएक सक्रियता कुछ और संकेत देती है। क्या ये किसी गहलोत खेमे के विधायकों पर किसी तरह का दबाव बनाने की कवायद है ? क्योंकि आयकर विभाग सीधे वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) की कमान में आता है। भारतीय राजनीति में पहले भी ऐसे ही आयकर विभाग का दखल राजनीतिक ड्रामेबाज़ी (Political drama) में होता रहा है।