नई दिल्ली (दिगान्त बरूआ): पीएम मोदी (PM Modi) ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (video conferencing) के माध्यम से नोएडा, कोलकाता और मुंबई में कोरोना जांच के लिए बनी हाईटेक लैब्स का उद्घाटन किया। फिलहाल इन लैब्स में 6000 सैम्पल प्रतिदिन टेस्टिंग का लक्ष्य रखा गया है। उत्तर प्रदेश के नोएडा स्थित राष्ट्रीय कैंसर रोकथाम एवं शोध संस्थान (National Cancer Prevention and Research Institute) में बनी लैब स्टेट ऑफ द आर्ट श्रेणी के मानकों के अनुरूप बनायी गई है। ये लैब 12 आरटीपीसीआर मशीनों और 4 आरएनए एक्सट्रैक्शन मशीनों की सुविधा से लैस है। कोरोना संकट खत्म होने के बाद इन प्रयोगशालाओं का इस्तेमाल डेंगू, साइटोमेगालोवायरस, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी, एचआईवी, माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस, क्लेमेडिया, और नेसीरिया के टेस्टों के लिए किया जायेगा। लैब का निर्माण भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical Research) की अगुवाई में किया गया है। उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पश्चिम बंगाल सीएम ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने भी शिरकत की।
कार्यक्रम के दौरान पीएम संबोधन के मुख्य बिन्दु
- देश के करोड़ों नागरिक कोरोना वैश्विक महामारी से बहुत बहादुरी से लड़ रहे हैं। आज जिन Hi-tech State of the Art टेस्टिंग फेसिलिटी का लॉन्च हुआ है उससे पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में और ताकत मिलने वाली है।
- दिल्ली-एनसीआर, मुंबई और कोलकाता, आर्थिक गतिविधियों के बड़े सेंटर हैं। यहां देश के लाखों युवा अपने करियर को, अपने सपनों को पूरा करने आते हैं। अब इन तीनों जगह Test की जो उपलब्ध कपैसिटी है, उसमें 10 हज़ार टेस्ट की कैपेसिटी और जुड़ने जा रही है।
- एक अच्छी बात ये भी है कि ये हाईटेक लैब्स सिर्फ कोरोना टेस्टिंग तक ही सीमित रहने वाली नहीं हैं। भविष्य में, Hepatitis B और C, HIV, डेंगू सहित अनेक बीमारियों की टेस्टिंग के लिए भी इन लैब्स में सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
- देश में जिस तरह सही समय पर सही फैसले लिए गए, आज उसी का परिणाम है कि भारत अन्य देशों के मुकाबले, काफी संभली हुई स्थिति में है। आज हमारे देश में कोरोना से होने वाली मृत्यु, बड़े-बड़े देशों के मुकाबले, काफी कम है।
- कोरोना के खिलाफ इस बड़ी और लंबी लड़ाई के लिए सबसे महत्वपूर्ण था कि देश में तेजी के साथ Corona Specific Health Infrastructure का निर्माण हो। इसी वजह से बहुत शुरुआत में ही केंद्र सरकार ने 15 हजार करोड़ रुपए के पैकेज का ऐलान कर दिया था।
- आइसोलेशन सेंटर हों, कोविड स्पेशल हॉस्पिटल हो, टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रैकिंग से जुड़ा नेटवर्क हो, भारत ने बहुत ही तेज़ गति से अपनी क्षमताओं का विस्तार किया। आज भारत में 11 हजार से ज्यादा Covid Facilities हैं, 11 लाख से ज्यादा Isolations Beds हैं।
- जनवरी में हमारे पास कोरोना के टेस्ट के लिए जहां मात्र एक सेंटर था, आज करीब 1300 लैब्स पूरे देश में काम कर रही हैं। आज भारत में 5 लाख से ज्यादा टेस्ट हर रोज हो रहे हैं। आने वाले हफ्तों में इसको 10 लाख प्रतिदिन करने की कोशिश हो रही है।
- कोरोना महामारी के दौरान हर कोई सिर्फ एक ही संकल्प के साथ जुटा है कि एक-एक भारतीय को बचाना है। इस संकल्प ने भारत को हैरतअंगेज परिणाम दिए हैं। विशेषकर PPE, मास्क और टेस्ट किट्स को लेकर भारत ने जो किया, वो एक बड़ी success story है।
- सिर्फ 6 महीना पहले देश में एक भी PPE Kit मैन्यूफैक्चरर नहीं था। आज 1200 से ज्यादा Manufacturer हर रोज 5 लाख से ज्यादा PPE किट बना रहे हैं। एक समय भारत N-95 मास्क भी बाहर से ही मंगवाता था। आज भारत में 3 लाख से ज्यादा N-95 मास्क हर रोज बन रहे हैं।
- एक और बड़ा चैलेंज था, कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए देश में Human Resource को तैयार करना। जितने कम समय में हमारे पैरामेडिक्स, आशावर्कर्स, ANM, आंगनबाड़ी और दूसरे Health और Civil Workers को ट्रेन किया गया, वो भी अभूतपूर्व है।
- कोरोना के खिलाफ लड़ाई में आज हम उस स्थिति पर आ चुके हैं, जहां हमारे पास जागरूकता की कमी नहीं है, साइंटिफिक डेटा का विस्तार हो रहा है और संसाधन भी बढ़ रहे हैं।
- हमें मिलकर नया हेल्थ इंफ्रा तो तैयार करना ही है, जो हमारे पास गांव-गांव में सरकारी और प्राइवेट डिस्पेंसरीज़ हैं, क्लीनिक हैं, उनको ज्यादा सक्षम भी बनाना है। ये हमें इसलिए भी करना है ताकि हमारे गांवों में कोरोना से लड़ाई कमजोर न पड़े।
- आने वाले समय में बहुत से त्यौहार आने वाले हैं। हमारे ये उत्सव, उल्लास का कारण बनें, लोगों में संक्रमण न फैले इसके लिए हमें हर सावधानी रखनी है। हमें ये भी देखते रहना होगा कि उत्सव के इस समय में गरीब परिवारों को परेशानी ना हो।
- हमारे देश के Talented वैज्ञानिक कोरोना वैक्सीन के लिए तेज़ी से काम कर रहे हैं। लेकिन जब तक कोई प्रभावी दवा या वेक्सीन नहीं बनती, तब तक मास्क, 2 गज़ की दूरी, Hand Sanitization ही हमारा विकल्प है।
- हमें खुद भी बचना है और घर में छोटी-बड़ी आयु सभी परिजनों को भी बचाना है। मुझे विश्वास है कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई, हम सभी मिलकर लड़ेंगे और जीतेंगे। एक बार फिर इन हाईटेक सुविधाओं के लिए बहुत-बहुत बधाई।