नई दिल्ली (शौर्य यादव): COVID-19 Herd Immunity, Community Transmission और Vaccine Distribution पर आया स्वास्थ्य मंत्रालय का एक ताजा बयान आया है। दरअसल इन्टरनेशनल सेमिनार (International seminar) को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के विशेष अधिकारी राजेश भूषण ने Herd Immunity, Community Transmission और Vaccine Distribution पर मंत्रालय का औपचारिक रूख रखा। उनके इस बयान के साथ मामले पर कई अटकलों और कयासों पर विराम लग गया है। साथ ही उन्होनें वैक्सीन निर्माण और ह्यूमन ट्रॉयल के मसले पर एथिकल और साइंटिफक पक्षों (Ethical and Scientific Aspect) पर भी अपनी बात रखी।
वायरस के प्रति सामूहिक रोग प्रतिरोधक क्षमता के मसले पर उन्होनें कहा- देश की बड़ी आबादी को देखते हुए, हर्ड इम्युनिटी का इंतज़ार करना बेहद जोखिम भरा और मंहगा (Very risky and expensive) साबित होगा। वैक्सीन के बगैर इस अवस्था को हासिल नहीं किया जा सकता है। अगर हर्ड इम्युनिटी का इंतजार करने से देश का मेडिकल ढ़ांचा (Medical infrastructure) चरमरा जायेगा। दिल्ली और मुंबई में संक्रमण के मामलों में कमी दर्ज की गयी है। इसके पीछे हर्ड इम्युनिटी नहीं बल्कि टेस्टिंग, सोशल डिस्टेसिंग और सख्त कोरोना गाइडलाइंस मुख्य वज़हें है। मौजूदा हालातों में वायरस पर नियन्त्रण पाने के लिए टेस्टिंग ही एकमात्र विकल्प है।
देशभर में सामुदायिक संक्रमण के मसले पर उन्होनें कहा- फिलहाल देश कम्युनिटी ट्रांसमिशन के फेज में नहीं पहुँचा है। इन अवस्था के जो मूलभूत लक्षण है, वो देशभर में कहीं नहीं दिखे है। मंत्रालय रोज आंकड़ो की निगरानी कर रहा है। संक्रमण पर रोजाना राज्यों से मिलनी वाली रिपोर्टों की समीक्षा (Report review) और रियल टाइम मॉनिटरिंग (Real time monitoring) के नतीज़े कम्युनिटी ट्रांसमिशन की संभावनाओं को खाऱिज करते है।
वैक्सीन बनने और उसके वितरण पर पक्ष रखते हुए राजेश भूषण ने कहा- फिलहाल इस मसले पर एकमत बना रहा है कि, जो लोग वायरस की रोकथाम, बचाव और इलाज (Prevention and treatment) में लगे है उन्हें जल्द से जल्द वैक्सीन की खुराक मुहैया करवायी जाये। इसके बाद वरिष्ठ नागरिकों, छोटे बच्चों, गंभीर स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे लोगों को और आर्थिक-सामाजिक तौर पर कमजोर (Economically and socially weak) लोगों को वैक्सीन मुहैया करवायी जानी चाहिए। इस बात का खास ख्याल रखा जायेगा कि, ऐसी स्थिति ना बने कि, साधन सम्पन्न लोगों तक वैक्सीन पहुँच जाये और गरीब इससे वंचित रह जाये। हमारी वैक्सीन उत्पादन की सबसे अधिक क्षमता होने की वज़ह से दुनिया के बहुत से वैक्सीन निर्माता भारतीय कंपनियों के साथ हाथ मिला रहे हैं।
महानिदेशक इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने इस कार्यक्रम के दौरान बताया कि- टीका बनने के बाद वितरण की प्राथमिकता तय करना, कारगर स्टोरेज-ट्रांसपोर्टेशन (Storage-transportation) की व्यवस्था और हेल्थ वर्कर्स (Health workers) को वैक्सीन लगाने के साथ अन्य जुड़ी गतिविधियों का प्रशिक्षण देना बड़ी चुनौती रहेगी।