नई दिल्ली (यर्थाथ गोस्वामी): इस बार रक्षा बंधन (Raksha Bandha) के त्यौहार पर खास ज्योतिषीय संयोग (Astrological coincidence) बन रहा है। 3 अगस्त को सावन के आखिरी सोमवार पर सावन पूर्णिमा और श्रवण नक्षत्र का महायोग बन रहा है। सनातन ज्योतिषीय परम्पराओं (Sanatan astrology traditions) में इसे अति क्लायणकारी और उत्तम माना गया है। ये महासंयोग अत्यन्त फलदायी और लाभकारी है। अत: बहन-भाइयों को इससे अक्षय पुण्य और मंगल की प्राप्ति होती है। तड़के सुबह सुबह 6:51 बजे से ही सर्वार्थ सिद्धि योग (Sarva Siddhi Yoga) लग जायेगा। प्रातः उत्तराषाढ़ा नक्षत्र और 7:18 बजे से श्रवण नक्षत्र अपना पुण्यकारी प्रभाव दिखायेगा। ये ज्योतिषीय दशा 29 साल बाद बन रही है।
महिलाओं को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि, बांधी जाने वाली राखी पर काले रंग का धागा ना हो। साथ ही इस दिन श्रावण मास का आखिरी सोमवार (Last monday of shravan month) पड़ रहा है, ऐसे में स्नान के बाद गंगाजल से पूजा स्थल को शुद्ध करें। इसके बाद पूजा आरंभ करें और व्रत का संकल्प लें। इस दिन भगवान शिव का अभिषेक करें, दान दें।
रक्षा सूत्र (राखी) बांधने का शुभ मुहूर्त:
पूर्णिमा तिथि का आरम्भ- 2 अगस्त को रात 9 बजकर 28 मिनट से
रक्षाबंधन मांगलिक अनुष्ठान का समय- प्रात:काल 09 बजकर 28 मिनट से रात 9 बजकर 14 मिनट तक
अपराह्न मुहूर्त- दोपहर 1 बजकर 46 मिनट से शाम 4 बजकर 26 मिनट तक
प्रदोष काल मुहूर्त- शाम 7 बजकर 6 मिनट से रात 9 बजकर 14 मिनट तक
पूर्णिमा तिथि का पारायण- 3 अगस्त की रात 9 बजकर 27 मिनट पर
रक्षासूत्र (राखी) बांधते हुए ये मंत्र पढ़े
ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।
विशेष सावधानी
सभी भाई अपनी बहनों को उपहार में नुकीले चीज़े (चाकू फॉक के सैट्स, जूसर-मिक्सर-ग्राइंडर), जूते-चप्पल, काले-नीले रंग के वस्त्र देने से बचे।