Lakhimpur Khiri Dalit girl rape: सीएम योगी आदित्यनाथ को आसानी से गुमराह कर देते है अधिकारी- अखिलेश यादव

नई दिल्ली (विश्वरूप प्रियदर्शी): लखीमपुर खीरी के ईसानगर थाना क्षेत्र के पकरिया गांव निवासी 13 वर्षीय दलित बच्ची (Dalit girl) का बीते शुक्रवार दिनदहाड़े हुए बलात्कार और हत्या की खब़र से पूरे जिले भर में प्रशासन के खिलाफ रोष का माहौल (Fury against the administration) है। बच्ची रामावती खेलते हुए घर से बाहर निकली थी। देर तक जब वो घर वापस नहीं आयी तो घर वालों ने सरगर्मी से उसकी तलाश शुरू कर दी। देर शाम उसकी लाश गन्ने के खेत से बरामद की गयी। इस दौरान उसकी दोनों आंखें फोड़ दी गई थी और साथ ही उसकी जीभ किसी नुकीले हथियास से छेदी हुई थी। काले रंग के दुपट्टे से उसका गला घोंटा गया था। दिलदहला देने वाले इसे वाकये के चर्चे तुरन्त पूरे इलाके में फैल गये। शनिवार देर रात आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बच्ची के साथ रेप की पुष्टि (Post-mortem report confirms rape with the Dalit girl) हुई है।

लखीमपुर के एडिशनल एसपी (Additional SP of Lakhimpur) अरुण कुमार सिंह ने मीडिया को बताया कि, हत्या किये जाने से पहले लड़की के साथ बलात्कार किया गया था। बाद में दुपट्टे से उसका गला घोंट दिया गया। हालांकि उन्होंने पीड़िता की आंखें फोड़े जाने और जीभ काटने की बात को खारिज कर दिया। साथ ही मामले में प्राथमिकी दर्ज कर। संतोष यादव और संजय गौतम को गिरफ्त में ले लिया गया है। दोनों अभियुक्तों के खिलाफ धारा 302 (हत्या), धारा 376 (डी) (सामूहिक बलात्कार) और पॉस्को एक्ट (Posco act) के अर्न्तगत कानूनी कार्रवाई की जायेगी। चूंकि पीड़िता दलित समुदाय से थी इसलिए अभियुक्तों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत भी कार्रवाई की जा रही है।

इस मामले पर सपा और बसपा सुप्रीमों की तीखी प्रतिक्रियायें सामने आयी है। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेख यादव (Samajwadi Party chief Akhilesh Yadav) ने इस मामले पर कहा- सरकार के काम करने के तौर-तरीकों से खुद उनके ही विधायक परेशान है। अब खुद यूपी सरकार में शामिल कई भाजपायी विधायक और सांसद योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मुखर (Outspoken against Yogi Adityanath) हो रहे है। जब सरकार अपने ही लोगों की नहीं सुन रही तो जनता की क्या सुनवाई हो रही होगी? प्रदेश में सुनवाई तो सिर्फ उद्योगपत्तियों की हो रही है। सूबे के अधिकांश अधिकारी सीएम को बहकाने का काम कर रहे है। ‘आल इज वेल ’ के नाम मुख्यमंत्री को गुमराह किया जा रहा है।

आज अखिलेश यादव ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था को लेकर यूपी सरकार पर तीखा हमला करते हुए लिखा कि- उप्र के लखीमपुर खीरी में एक बेबस किशोरी से दुष्कर्म के बाद निर्मम हत्या इंसानियत को झकझोर देने वाली घटना है. भाजपाकाल में उप्र की बच्चियों व नारियों का उत्पीड़न चरम पर है. बलात्कार, अपहरण, अपराध व हत्याओं के मामले में भाजपा सरकार प्रश्रयकारी (BJP government promote) क्यों बन रही है?

घटना पर बहुजन समाजवादी पार्टी का आधिकारिक रूख़ साफ करते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्विट करते हुए लिखा कि- यूपी के लखीमपुर खीरी के पकरिया गाँव में दलित नाबालिग के साथ बलात्कार (Dalit minor raped) के बाद फिर उसकी नृशंस हत्या अति-दुःखद व शर्मनाक। ऐसी घटनाओं से सपा व वर्तमान भाजपा सरकार में फिर क्या अन्तर रहा? सरकार आजमगढ़ (Azamgarh) के साथ खीरी के दोषियों के विरूद्ध भी सख्त कार्रवाई करे, बीएसपी (BSP) की यह माँग है।

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