न्यूज़ डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): कांग्रेस पार्टी का सियासी कद बचाने के लिए आज CWC Meeting संपन्न हुई। गौरतलब है कि, पार्टी के कई आला नेताओं के बीच राजनैतिक भविष्य बचाने को लेकर हड़कंप (Struggle among Congress leaders to save political future) मचा हुआ है। भाजपा की प्रभावी राजनीतिक चालों के सामने कांग्रेस ने लगभग घुटने टेक दिये है। ऐसे में पार्टी की साख बचाने के लिए नये पूर्णकालिक नेतृत्व और जरूरी बदलाव की मांग (Demand for new full-time leadership and necessary changes) करते हुए सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी। इस चिट्ठी की मांगों के समर्थन देने के लिए इस खत पर कांग्रेस के 23 दिग्गज नेताओं, पांच पूर्व मुख्यमंत्री, कांग्रेसी सांसदों और पूर्व कैबिनेट मंत्रियों सहित करीबन 300 लोगों ने हस्ताक्षर किये। जिसके बाद आज कांग्रेस कार्य समिति की बैठक बुलाई गयी। जिसमें चिट्ठी में लिखी मांगों पर चर्चा का एजेंडा तय किया गया था।
बताया जा रहा है कि, सोनिया गांधी को भेजे इस खत में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद (Leader of Opposition in Rajya Sabha Gulam Nabi Azad), आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी, शशि थरूर, सांसद विवेक तन्खा, कांग्रेस कार्य समिति के मुकुल वासनिक और जितिन प्रसाद (Mukul Wasnik and Jitin Prasad of Congress Working Committee) ने हस्ताक्षर किये साथ ही भूपिंदर सिंह हुड्डा, राजेंद्र कौर भटट्ल, एम वीरप्पा मोइली, पृथ्वीराज चव्हाण, पीजे कुरियन, अजय सिंह, रेणुका चौधरी, मिलिंद देवड़ा, राज बब्बर, अरविंदर सिंह लवली, कौल सिंह, अखिलेश प्रसाद सिंह, कुलदीप शर्मा, योगानंद शास्त्री और संदीप दीक्षित ने भी समर्थन के तौर पर इस चिट्ठी के समर्थन में हस्ताक्षर किये।
बताया जा रहा है कि चिट्ठी में सोनिया गांधी और राहुल गांधी की कार्यशैली और रवैये की खुलकर आलोचना (Criticism of working style and attitude of Sonia Gandhi and Rahul Gandhi in letter) की गयी। फिलहाल इसे नेहरू-गांधी परिवार के नेतृत्व के खिलाफ देखा जा रहा है। कांग्रेस का कोई भी नेता इस खत को लेकर खुलकर बयान देने के बच रहा है। कांग्रेस से हाल ही में निलंबित संजय झा (Sanjay Jha recently suspended from Congress Party) ने इस खत लेकर हामी भरी है। खत के ज़वाब में राहुल गांधी ने कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद के घेरा और उन पर भाजपा से साठ-गांठ होने के इल्ज़ाम लगाये।
ज़वाब में कपिल सिब्बल ने ट्विट कर लिखा कि, राहुल गांधी के मुताबिक हम बीजेपी से मिले हुए हैं। मैंने राजस्थान उच्च न्यायालय में कांग्रेस पार्टी की सही से पैरवी की। मणिपुर में पार्टी को बचाया। पिछले 30 सालों के दौरान ऐसी कोई भी स्टेटमेंट नहीं दी, जो किसी भी तरह भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) को फायदा पहुंचाए। लेकिन फिर भी कहा जा रहा है कि हम भारतीय जनता पार्टी से मिले हुए है। जैसे ये ट्विट मीडिया की नज़रों में आया। कपिल सिब्बल ने फौरन इसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (Social media platform) से हटा लिया।
राहुल गांधी के आरोपों पर गुलाम नबी आजाद भी बिफर पड़े कार्यसमिति बैठक के दौरान उन्हें शीर्ष कांग्रेसी नेतृत्व से कहा कि, अगर ये बात कहीं से भी सच निकलती है कि, हम लोग बीजेपी से मिले हुए है तो मैं अपना इस्तीफा देने के लिए पूरी तरह तैयार हूँ। चिट्ठी कांग्रेस कार्य समिति की वज़ह से लिखी गयी है। मामले पर संजय निरूपम (Congress leader Sanjay Nirupam) ने ट्विट कर लिखा कि- यह पत्र राहुल गाँधी का नेतृत्व भोथरा करने के लिए एक नया षडयंत्र है। जो षडयंत्र बंद कमरों में रचा जाता था (The conspiracy was hatched in closed rooms) ,वह एक पत्र में उभर कर आया है। इसका एक ही जवाब है, राहुल जी अध्यक्ष न बनने की जिद्द छोड़ें और राज्यों में कांग्रेस की ढहती दीवारों को बचाएँ। कांग्रेस को सिर्फ वही बचा सकते हैं।
इसी मामले पर कांग्रेस समर्थन और कांग्रेस के पूर्व लोकसभा प्रत्याशी आचार्य प्रमोद कृष्णम् (Former Congress candidate for Lok Sabha Acharya Pramod Krishnam) ने ट्विट कर लिखा कि- कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक से पार्टी को एक सशक्त नेतृत्व देने की उम्मीद की जा रही थी, लेकिन यहाँ तो उलटा रायता बिखरना शुरू हो गया।
आचार्य प्रमोद कृष्णम् ने ट्विट कर आगे लिखा कि- RSS और BJP की सबसे ज़्यादा “गालियाँ” तो सिब्बल ही खाते हैं।