नई दिल्ली (दिगान्त बरूआ): कांग्रेस पार्टी में शीर्ष नेतृत्व में बदलाव और जरूरी सुधार को लेकर उठ रही मांग के बाद, ऐसा लग रहा था कि कांग्रेस कार्य समिति (CWC Meetings) की बैठक में कुछ पुख्ता फैसले लिये जायेगें। जिससे कांग्रेस पार्टी दुबारा मजबूती से खड़ी हो पायेगी। लेकिन कांग्रेस कार्य समिति की वर्चुअल बैठक (Virtual Meeting of Congress Working Committee) पूरी तरह आरोप-प्रत्यारोप के दौर से गुजरती रही। जिससे बुरी तरह खीझकर सोनिया गांधी ने बैठक के दौरान इस्तीफे की पेशकश (Sonia Gandhi offered resignation during the meeting) तक कर डाली। जिसके बाद कई कांग्रेसी दिग्गज़ नेताओं ने उनसे बोलने की गुज़ारिश तक की। दिलचस्प ये रहा कि, गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल ने एकाएक अपने बयान से यू-टर्न भी मार लिया। और ऐसा जताया कि, राहुल गांधी ने उनके खिलाफ कुछ बोला ही नहीं।
दूसरी ओर राहुल गांधी की ओर से इस मामले पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आयी है। ताजा बनते हालातों के बीच बैठक के दौरान अंबिका सोनी ने कहा कि, जिन लोगों ने सोनिया गांधी को ये खत लिखा उनके खिलाफ पार्टी संविधान के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई (Disciplinary action taken under party constitution) की जा सकती है। मौके पर ऑनलाइन मौजूद जीएन आज़ाद और आनंद शर्मा ने कहा कि, उन्हें पार्टी के भविष्य की चिंता है। इसलिए सभी काम तयशुदा दायरों में रहकर किये गये है। फिर भी अगर किसी को लगता है कि खत लिखने से अनुशासन भंग (Discipline of party dissolved by writing letter) हुआ है तो कार्रवाई की जा सकती है। इस बीच वर्चुअल बैठक से कुछ सदस्य लाग आउट कर गए।
CWC के वर्चुअल बैठक में उठे बवाल के बीच प्रियंका वॉड्रा गांधी मजबूती से राहुल गांधी के साथ खड़ी नज़र आयी। उन्होनें चिट्ठी लिखने वाले कांग्रेसी नेताओं की आलोचना की (Priyanka Gandhi Criticized Congress leaders who wrote letters) और कहा कि, कांग्रेस ने इस तरह की हरकत पहले कभी नहीं हुई है। जिन लोगों ने ये कवायद शुरू की है, और जो लोग इसमें शामिल है। वो लोग ये अच्छे से जान ले कि, ये सब ठीक नहीं हो रहा है। राजस्थान और मध्य प्रदेश में जिस तरह से कांग्रेस को राजनीतिक मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में इन हालातों का उठना ठीक नहीं है।
इस बीच एआईएमआईअम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने प्रकरण पर चुटकी ली (AIMIM chief Asaduddin Owaisi quipped on the episode) और कहा कि- गुलाम नबी आज़ाद जब कभी हैदराबाद आते मुझपर और मेरी पार्टी पर इल्जाम लगाते कि आप भाजपा का साथ दे रहे हैं भाजपा की ‘बी’ टीम हैं। आज उनकी पार्टी के राहुल गांधी ने उन्हें कहा है कि आपने लेटर पर साइन कर भाजपा का साथ दिया। गुलाम नबी आजाद बीते 45 वर्षों से कांग्रेस पार्टी में हैं। आज उनका शीर्ष नेतृत्व खुद उन पर इल्ज़ाम लगा रहा हैं कि वो भाजपा से साठ-गांठ कर बैठे है। खुद गुलाम नबी आजाद ने मीडिया से इस बात की तस्दीक की और कहा कि, अगर मैं भाजपा से मिला हूं तो पार्टी से रिजाइन देने के लिए तैयार हूं। इससे यह बात साबित हो गई है कि, अगर आप कांग्रेस पार्टी के आला कमान से मुखालफत करते हैं तो आपके तालुक्कात भाजपा से बता दिये जाते है। अब उन मुस्लिम नेताओं को सोचना पड़ेगा जो कांग्रेस पार्टी में अपना वक्त बर्बाद कर रहे हैं। जब आप पर बेबुनियादी आरोप लग रहे हैं तो, कब तक ऐसी गुलामी करते रहेंगे।
फिलहाल पार्टी का नया अध्यक्ष चुनने के लिए ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी का विशेष सत्र (All India Congress Committee special session) बुलाया जाएगा। इस सत्र के तक सोनिया गांधी की कांग्रेस अध्यक्षा के पद पर बनी रहेंगी। साथ ही जानकारी मिल रही है कि मनमोहन सिंह ने सोनिया गांधी को अध्यक्ष पद पर बने रहने का आग्रह किया है। हालांकि बैठक शुरू होने के साथ ही कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Interim President of Congress, Sonia Gandhi) सभी कांग्रेसी नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि, पार्टी की कमान वो अब और नहीं संभाल सकती हैं। जल्द ही INC में उनके स्थान पर किसी और को लाने की प्रक्रिया शुरू देनी करनी चाहिए।