न्यूज़ डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): अंबाला वायुसेना बेस में हुए औपचारिक कार्यक्रम के बाद राफेल (Rafale Induction Ceremony) अब विधिवत रूप से भारतीय सेना के शास्त्रागार में शामिल कर लिया गया है। इससे वायुसेना की मारक शस्त्र में काफी इज़ाफा होगा। समारोह में हिस्सा लेने के लिए फ्रांसीसी रक्षामंत्री फ्लारेंसे पार्ले को खासतौर से आमंत्रण दिया गया था। सर्वधर्म प्रार्थना के साथ कार्यक्रम की शुरूआत की गयी। कार्यक्रम के दौरान एयरो शो का भी इंतज़ाम किया गया था। जिसमें भारतीय वायुसेना का एयरोबैटिक टीम सूर्य किरण और सारंग (Indian Air Force aerobatic team Surya Kiran and Sarang) ने हिस्सा लिया। साथ ही सुखोई विमानों ने भी दर्शकों के सामने अपना दम-खम दिखाया।
सर्वधर्म प्रार्थना में हिंदू, इस्लाम, सिख और ईसाई धर्म के धर्माचार्यों ने पांचों राफेल विमानों के लिए विशेष प्रार्थना की। रक्षामंत्री राजनाथ, फ्रांसीसी रक्षामंत्री फ्लारेंस पार्ले सहित वायुसेना के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने कार्यक्रम में शिरकत की। कार्यक्रम में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया, रक्षा सचिव डा. अजय कुमार, डा. जी सतीश रेड्डी सेक्रेटरी डिपार्टमेंट आफ डिफेंस आर एंड डी एवं चेयरमैन डीआरडीओ (Dr. G. Satish Reddy Secretary Department of Defense R&D and Chairman DRDO), दसॉ एविएशन के चेयरमैन व चीफ एग्जीक्यूटिव एरिक ट्रैपियर, एयर जनरल एरिक ऑटेलेट (Air General Eric Autlett), एरिक बेरेंजर सीईओ एमबीडीए, फ्रांस के राजदूत इमैनुअल लीनेन, और हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज की मौजूदगी भी दर्ज की गयी।
वाटर सैल्यूट देने के बाद राफेल ने उड़ान भर तेजस और सुखोई विमानों के साथ बेहतर तालमेल का प्रदर्शन भी किया। अंबाला पहुँचे इन पांचों राफेल विमानों की बागडोर 17 ‘गोल्डन एरो’ स्क्वाड्रन के पास होगी। कार्यक्रम के मद्देनज़र अंबाला की सुरक्षा की चाक चौबंद कर दिया गया। अंबाला एयरबेस के आसपास के इलाकों में हरियाणा पुलिस, वायुसेना और अन्य सुरक्षा बलों ने समन्वय कर सिक्योरिटी कवर उपलब्ध करवाया। आर्मी एक्शन ग्रुप की टीमों ने इलाके की खासतौर से गश्त लगायी। जैसे ही फ्रांसीसी रक्षामंत्री फ्लारेंसे पार्ले दिल्ली पहुँची तो उन्हें गार्ड ऑफ आर्नर देकर सम्मानित किया गया। जिसके बाद वे अपने समकक्ष राजनाथ सिंह के साथ अंबाला के लिए रवाना हो गयी।
खूबियां जो बनाती है राफेल को घातक
- शक्तिशाली और भरोसेमंद M-88 इंजन से लैसे राफेल, युद्धक्षेत्र में उड़ान भरने के दौरान तीन अलग-अलग किस्म (मीटियॉर, स्कॉल्प और हैमर) मिसाइलें और 6 लेजर गाइडेड बम सटीकता से दाग सकता है। विपरीत हालातों में ये अपने वज़न से डेढ़ गुना ज़्यादा हथियार लेकर उड़ान भर सकता है।
- हथियार लेकर उड़ान भरने के बाद ये दुश्मन के 3,700 किलोमीटर के इलाके में भारी तबाही मचा सकता है। इलैक्ट्रॉनिक वॉरफेयर के लिए इसमें चौथी पीढ़ी के अत्याधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया गया है। जिसे जरूरतों के मुताबिक अपडेट और अपग्रेड भी किया जा सकता है।
- ट्विन इंजन, डेल्टा-विंग, सेमी स्टील्थ क्षमतायें और परमाणु शस्त्र दागने की इसकी क्षमता इसे चौथी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों की श्रेणी में लाज़वाब बनाती है। बियॉन्ड विजुअल रेंज की मदद से ये हवा से हवा में 150 किलोमीटर दूरी तक मार सकता है। अफगानिस्तान, इराक, सीरिया और लीबिया के जंगी मैदान में ये अपनी काबिलियत साबित कर चुका है।
- पंखो की बनावट और डबल इंजन इसे गज़ब की फुर्ती देते है। जिससे मदद से युद्ध क्षेत्र कारगर पलटवार करता है। साथ ही इसे एडवांस स्ट्रैटज़िक मैन्यूवरविलिटी भी हासिल है। उड़ान के दौरान इसमें ईंधन भी भरा जा सकता है।