न्यूज़ डेस्क (दिगान्त बरूआ): स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare) द्वारा जारी कोरोना केस से जुड़े ताजा आंकडे (Latest Data of Corona Cases) काफी परेशान करने वाले है। बीते चौबीस घंटों के दौरान देशभर में कोरोना संक्रमण के सबसे ज़्यादा मामले दर्ज किये गये है। जिसके साथ देशभर में कोरोना संक्रमण के मामलों की संख्या 46 लाख के आंकड़े को पार कर गयी है। पिछले 24 घंटों के दौरान 97 हज़ार से ज़्यादा लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके है। साथ ही संक्रमण के चलते अब तक 1200 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। आंकड़ों के विश्लेषण से पता लगता है कि महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु में इंफेक्शन (Continuous increase in infection cases in Maharashtra, Karnataka, Andhra Pradesh and Tamil Nadu) लगातार पांव पसार रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय का ये अपडेटिड आंकड़ा आज सुबह 8 बजे का है।
आंकड़े बताते है कि अब भारत में संक्रमण के कुल 46,59,985 सामने आये जिनमें से 9,58,316 संक्रमण के सक्रिय मामले है। अब तक इंफेक्शन से 36,24,197 लोग उबर चुके है। अब तक देशभर में संक्रमण की चपेट में आकर 77,472 लोग मर चुके है। कोरोना के दर्ज किये गये कुल मामले और संक्रमण के कारण हुई मौत के आंकड़ो के आधार भारत अमेरिका के बाद दुनिया में दूसरे पायदान पर काब़िज है। ये लगातार तीसरा दिन है जब 95000 से ज़्यादा इंफेक्शन के केस सामने आये है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical Research-ICMR) द्वारा जारी ताजा आंकड़े के मुताबिक शुक्रवार को 10,91,251 लोगों का कोरोना टेस्ट करवाया गया है। अब देशभर में कुल 5,51,89,226 लोगों के नमून लेकर कोरोना टेस्ट किया जा चुका है। वैश्विक स्तर पर कोरोना तकरीबन 9.09 लाख से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है।
कोरोना के कारण देश की अर्थव्यवस्था, वित्तीय स्थिति और मौद्रिक प्रवाह पर गहरा असर (Corona has a profound impact on the country’s economy, financial condition and monetary flow) पड़ता दिख रहा है। मूडीज के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 11.5 प्रतिशत कमी आने के आसार बनते दिख रहे है। हालांकि इससे पहले मूडीज कोरोना महामारी की वजह से भारतीय जीडीपी में 4 फीसदी की गिरावट की बात कही थी। अनुमान के मुताबिक यदि हालातों यूं ही बेकाबू होते चले गये तो कोरोना वायरस देश की आर्थिक सुदृढ़ता में सेंध (Virus impedes economic strength) लगा सकता है। जिससे अर्थव्यवस्था पर दबाव पड़ सकता है।