नई दिल्ली (का.सं.): हरियाणा के बहादुरगढ़ (Bahadurgarh in Haryana) में एक कलयुगी बहू ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया। बहू ने सीनियर सिटीजन सास (Senior citizen mother in law) के साथ बुरी-तरह मारपीट की और साथ ही उन पर गर्म पानी फेंकने की कोशिश भी की। मामला बहादुरगढ़ का है। 77 वर्षीय धनपति राठी (Dhanapati Rathi) सैक्टर-6 में रहती है। वो ना ढंग से चल पाती है और ना ही खड़ी हो पाती है। आये दिन उनकी बहू नीरू लड़ाई झगड़ा करती रहती है। लेकिन बीते 21 जून को उनकी बहू ने जो कुछ किया उससे इंसानियत का सिर शर्म से झुक गया।
आरोपी महिला के पति जीएस राठी के मुताबिक- नीरू ने सीनियर सिटीजन सास के साथ बुरी तरह मारपीट की और साथ ही उन पर गर्म पानी फेंकने की कोशिश भी की। काफी योजनाबद्ध तरीके से (Systematically) उसने अपने 80 वर्षीय सुसर को कमरे में बंद कर दिया, जो कि 85 फीसदी दिव्यांग (85 percent disabled) है। उसके बाद लाठी-डंडों और चमड़े की बेल्ट से सास को काफी बेरहमी से पीटा (Brutally beaten)। जिसके चलते वृद्धा महिला बेहोश हो गयी। वृद्धा महिला की तहरीर पर बहादुरगढ़ पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की धारा 323, 506 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
जीएस राठी ने बताया कि- हद तो तब हो गयी। जब आरोपी बहू ने मामले को तोड़-मरोड़कर मामला पुलिस के सामने रखा। जिसके बाद हरियाणा पुलिस (Haryana Police) ने वृद्धा सास, विकलांग ससुर और मेरे के खिल़ाफ मामला नामजद कर दिया। नीरू के पिता दिल्ली पुलिस से रिटायर्ड (Retired from Delhi Police) है, जिसके दबाव के चलते स्थानीय थाने को बहू के पक्ष और वृद्धा सास के खिलाफ मामला दर्ज करना पड़ा। जब पीड़ित पक्ष ने नीरू द्वारा दर्ज करवायी गयी, एफआईआर की कॉपी (Copy of FIR) मांगी तो हरियाणा पुलिस देने से साफ इंकार कर दिया। जबकि माननीय सर्वोच्च न्यायालय (Honorable Supreme Court) के आदेशों के मुताबिक- यदि किसी के खिल़ाफ प्राथमिकी दर्ज होती है तो, उसकी एक कॉपी प्रतिवादी (Defendant) को जरूर सौंपी जाती है।
जीएस राठी ने कहा कि- फिलहाल पुलिसिया जांच प्रक्रिया एकतरफा (Unilateral Police investigation process) बहू के पक्ष में चलती दिख रही है। काफी मिन्नतें करने के बाद बहादुरगढ़ पुलिस ने बहू के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। इसके साथ जब वृद्धा महिला की MLC करवायी गयी तो, उसमें गंभीर चोटों और मार-पीट के निशान (Traces of serious injuries and beatings) सामने आये। फिलहाल पीड़ित महिला को PGIMS रोहतक इलाज के लिए रैफर कर दिया गया है। चोटों के साथ महिला गंभीर मानसिक अवघात (Mentally Trauma) से जूझ रही है।
कैप्टन जीएस राठी ने बताया कि, उनकी पत्नी नीरू ने पूरे परिवार फंसाने के लिए हरियाणा पुलिस सहित राज्य महिला आयोग (State women’s commission) में झूठी तहरीर (False complaint) दे दी है। इससे पहले भी आरोपी बहू ने पूरे परिवार को परेशान करने के लिए दहेज के झूठे मुकदमें (False dowry lawsuits) दायर करवाये थे। झूठे मुकदमें का खुलासा होने पर कोर्ट के सामने नीरू को माफी मांगनी पड़ी थी।
मामले पर हरियाणा पुलिस की साख भी दांव पर लगी हुई है। वो कितनी पारदर्शिता और दबाव रहित तरीके से मामले की जांच करती है। इस पर लोगों का खासा ध्यान रहेगा। ऐसे में पीड़ित वृद्धा महिला (Victim old lady) को कितना इंसाफ (Justice) मिल पायेगा? ये अपने आप में गंभीर मसला (Serious issue) है।