नई दिल्ली (निष्ठा चतुर्वेदी): दिल्ली आबकारी नीति मामले में एक बड़े घटनाक्रम में सीबीआई (CBI) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) को 16 अप्रैल 2023 को तलब किया। आप नेताओं ने कहा कि केजरीवाल पूछताछ के लिये सीबीआई के सामने पेश होंगे। सीबीआई के इस कदम की दिल्ली की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने तीखी आलोचना की, जबकि भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी (BJP leader Meenakshi Lekhi) ने कहा कि अगर जांच एजेंसी ने केजरीवाल को तलब किया है तो इसका मतलब केजरीवाल के खिलाफ उन्हें कुछ पुख़्ता मिला है।
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और केजरीवाल के प्रमुख सहयोगी मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) आबकारी नीति मामले में कथित अनियमितताओं को लेकर जेल में हैं। आबकारी नीति मामले में केजरीवाल को तलब करने के सीबीआई के फैसले के बाद आप नेता संजय सिंह (AAP leader Sanjay Singh) ने मोदी सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये। उन्होंने कहा कि “केजरीवाल के खिलाफ रची गयी ये साजिश उनकी आवाज को खामोश नहीं कर पायेगी। अरविंद केजरीवाल को सीबीआई का समन भेजा गया है। मैं पीएम मोदी (PM Modi) को बताना चाहता हूं – आप और आपकी सरकार सिर से पांव तक भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और इस सीबीआई समन से अरविंद केजरीवाल की लड़ाई नहीं रुकेगी। इस साजिश के तहत 16 अप्रैल को अरविंद केजरीवाल के खिलाफ गिरफ्तारी, जेल की कार्रवाई करने से उनकी आवाज नहीं दबेगी।” संजय सिंह ने आरोप लगाया कि केजरीवाल को बुलाया गया था क्योंकि उन्होंने दिल्ली विधानसभा में भाजपा के भ्रष्टाचार को उजागर करने की कोशिश की थी।
उन्होंने कहा आगे कहा कि, “दिल्ली विधानसभा (Delhi Assembly) में सीएम केजरीवाल ने पूरे भ्रष्टाचार के बारे में बहुत ही ठोस और विस्तृत तरीके से देश को समझाने की कोशिश की … उनकी (केजरीवाल) आवाज हर घर, हर गांव, हर मोहल्ले तक पहुंचेगी। अरविंद केजरीवाल ने देश को शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी और बिजली का मॉडल दिया और दिल्ली के लोगों के लिये अथक रूप से काम किया। सीबीआई का नोटिस पार्टी के भ्रष्टाचार के खिलाफ मिशन को रूकने वाला नहीं है।”
भाजपा को खुली चेतावनी देते हुए संजय सिंह ने कहा कि- “केजरीवाल ने अपने पूरे जीवन में कई समस्याओं का सामना किया, कई जांच की गयी, छापे मारे गये लेकिन न तो दिल्ली में विकास रुका, न ही भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी लड़ाई रुकी। इसलिये ये नोटिस भ्रष्टाचार के खिलाफ उनके मिशन को रोका नहीं सकता। मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि नोटिस से आप का कोई मंत्री, नेता या पार्टी का कार्यकर्ता डरने वाला नहीं है।”
उन्होंने पुष्टि की कि केजरीवाल जांच एजेंसी के सामने पेश होंगे। इस संजय सिंह ने कहा कि, “एक नोटिस (सीबीआई द्वारा) दिया गया है। 16 अप्रैल को अरविंद केजरीवाल उनके सामने पेश होंगे।” केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने केजरीवाल पर हमला किया और कहा कि “केंद्रीय जांच ब्यूरो ने अपनी जांच के बाद ही दिल्ली के मुख्यमंत्री को तलब किया है। सीबीआई का अधिकार क्षेत्र भ्रष्टाचार के संबंधित में है। ये कहीं भी जांच कर सकती है। मूल रूप से CBI भ्रष्टाचार विरोधी संगठन है। इसलिये अगर सीबीआई ने उन्हें समन किया है तो इसका मतलब है कि कुछ भ्रष्टाचार के आरोप हैं। जैसा कि जांच के हिस्से के रूप में सीबीआई उसके खिलाफ कुछ सबूत लेकर आए होंगे और उसका सामना केजरीवाल करने जा रहे हैं”।
आप के राष्ट्रीय संयोजक पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि- “केजरीवाल की मंजूरी के बिना कोई नीति लागू नहीं की जा सकती थी। हमें दो-तीन बातें समझनी होंगी। सबसे पहले वो (केजरीवाल) मुख्यमंत्री हैं, इसलिए उनकी जानकारी और सक्रिय भागीदारी के बिना कोई भी फ़ाइल या दस्तावेज़ राज्य में लागू नहीं किया जा सकता। दूसरी बात विजय नायर जैसे सह-अभियुक्तों के बयान हैं। जिससे कि सीधे साफ हो जाता है कि दिल्ली आबकारी नीति घोटाले (Delhi Excise Policy Scam) में उनकी क्या भूमिका थी। तीसरे नायर जो भ्रष्ट आचरण में लिप्त पाये जाते हैं और वो दक्षिण लॉबी से जुड़े हुए है। वो जिस जगह रह रहे है वो आधिकारिक तौर पर कैलाश गहलोत के नाम पर आवंटित किया गया था। कैलाश गहलोत अपने निजी घर में रह रहे थे, और आधिकारिक आवास इन कार्यों को संचालित करने के लिये नायर को आवास दिया गया था। जाहिर तौर पर ये मौन, खुला और गुप्त सहयोग है, जो देखने को मिलता है। सीबीआई केजरीवाल को उन सभी दस्तावेजों, कागजातों और सामग्रियों का सामना कराने जा रही है, जिन्हें उन्होंने जांच के दौरान इकट्ठा किया होगा।”
सिसोदिया को ईडी और सीबीआई (ED and CBI) ने दिल्ली में आबकारी नीति बनाने और लागू करने में कथित अनियमितताओं से जुड़े मामले की चल रही जांच में गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई ने 26 फरवरी, 2023 को सिसोदिया को गिरफ्तार किया। बाद में 9 मार्च को तिहाड़ जेल (Tihar Jail) में घंटों पूछताछ के बाद ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
ईडी और सीबीआई ने आरोप लगाया था कि आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमिततायें बरती गईं, लाइसेंस धारकों को गैरवाज़िब मुनाफा पहुँचाया गया, लाइसेंस शुल्क माफ या कम किया गया। सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना एल-1 लाइसेंस बढ़ाया गया। जांच एजेंसियों ने कहा कि लाभार्थियों ने आरोपी अधिकारियों को अवैध लाभ दिया और पता लगाने से बचने के लिये अपने खाते में गलत लेखाजोखा दर्ज किया।