आज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नॉर्थ-ईस्ट सहित गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) की प्रक्रिया में हिस्सा ना लेने की अपील की। साथ ही एनपीआर के प्रक्रियागत ढ़ांचे में गौर करने की भी बात कही। और NPR को NRC का शुरूआती चरण बताया। जिसके विरोध में वो लगातार रैलियां निकाल रही है।
पूर्वोत्तर राज्यों से खास अपील करते हुए उन्होनें वहाँ के मुख्यमंत्रियों से NPR लागू करने के तौर-तरीकों पर ध्यान की बात कहीं। साथ ही CAA के खिल़ाफ मोर्चा खोलते हुए, इससे देश के हालात बुरे होने का हवाला भी दिया। केरल और पंजाब की विधानसभाओं के तर्ज पर संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ जल्द ही प्रस्ताव पारित करने की बात कहीं।
गौरतलब है कि ममता बनर्जी उत्तर बंगाल में अगले चार दिन तक संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में रैलियों की अगुवाई करेगी। मीडिया से बातचीत के दौरान NPR पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि- जब एनपीआर फॉर्म में माता-पिता के जन्मस्थान को भरने की बाध्यता नहीं है तो इस सवाल को कॉलम में जगह क्यों दी गयी है। ऐसी आशंका है कि अगर NPR की प्रक्रिया में ये कॉलम कायम रहता है तो, इसे ना भरने की सूरत में नागरिकता छीनी जा सकती है।