नई दिल्ली (समरजीत अधिकारी): उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में तीन दलित बच्चियों पर तेजाब से हमला (Acid Attack in UP) होने के बाद सूबे के प्रशासनिक अमले में खासा हड़कंप मचा हुआ है। घटना गोंडा के परसपुर थाना के अंतर्गत पसका परसपुर गांव की बतायी जा रही है। बच्चियों की उम्र क्रमश: 17, 12 और 8 साल की बतायी जा रही है। घटना के बाद दलित बच्चियों का इलाज़ कर रहे डॉक्टर्स के मुताबिक सबसे बड़ी लड़की 35 तेजाब से झुलस चुकी है। दूसरी बच्ची 25 और तीसरी बच्ची 5 फीसदी तेजाब के असर में आयी है। बड़ी बच्ची का हालत नाज़ुक बतायी जा रही है। फिलहाल तीनों का प्राथमिक उपचार स्थानीय अस्पताल (local hospital) में करवाया जा रहा है।
गोंडा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) शैलेश कुमार पांडे के मुताबिक पीड़ित परिवार की किसी से रंजिश नहीं है। पुलिस घटना की जानकारी जुटा रही है। परिवार वालों की तहरीर पर मामला दर्ज कर लिया गया है। जल्द ही दोषी पुलिस की गिरफ्त में होगें। पुलिसिया जांच प्रथम दृष्टया ये बता रही है कि इस काम को किसी परिचित ने अन्ज़ाम दिया है। फिलहाल फोरेंसिक टीम (Forensic team) मौके पर पहुँच चुकी है और फेकें गये कैमिकल का सैम्पल इकट्ठा कर लिया गया है। बच्चियों के मुताबिक तीनों रात में घर की छत्त सो रही थी, देर रात तकरीबन 02:30 बजे किसी अन्ज़ान शख्स ने इस मामले को अंज़ाम दिया।
हाथरस के बूलगढ़ी गांव में हुई घटना से सब़क लेते हुए स्थानीय अस्पताल के बर्न वॉर्ड (Barn ward) को बाहरी लोगों के लिए बंद कर दिया गया है। इस घटना पर अब सियासी तलवारें भी खींचने लगी है। आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सासंद संजय सिंह ने इस मसले पर योगी सरकार को कटघरे में खड़ा किया और कहा कि सरकार बलात्कारियों और अपराधियों को संरक्षण (Criminals protection) देती है जिसकी वज़ह से यूपी में बदमाशों के हौसले काफी बुलंद है। दूसरी ओर यूपी पुलिस आसपास के उन इलाकों में काफी सरगर्मी से दबिश दे रही है, जहां से तेजाब खरीदा जा सकता है।