एजेंसियां/न्यूज डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): श्रीलंका (Sri Lanka) के कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) ने असाधारण राजपत्र जारी कर द्वीप राष्ट्र में आज (18 जुलाई 2022) से आपातकाल की घोषणा कर दी, क्योंकि देश सामाजिक अशांति और गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है।
डेली मिरर के मुताबिक गजट अधिसूचना में कहा गया है कि श्रीलंका में सार्वजनिक आपातकाल को सार्वजनिक सुरक्षा व्यवस्था और समुदायिक के जीवन के लिये आवश्यक आपूर्ति और सेवाओं के रखरखाव के हित में घोषित किया गया है। सार्वजनिक सुरक्षा अध्यादेश (अध्याय 40) की धारा 2 द्वारा निहित शक्तियों के आधार पर संविधान के अनुच्छेद 40(1)(सी) और 1959 के अधिनियम संख्या 8, 1978 के कानून संख्या 6 और 1988 के अधिनियम संख्या 28 द्वारा विक्रमसिंघे ने आपातकाल की घोषणा की है।
पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे (Former President Gotabaya Rajapaksa) ने देश छोड़कर सिंगापुर (Singapore) भाग जाने के बाद इस्तीफे की पेशकश की थी। हजारों प्रदर्शनकारियों द्वारा राजधानी कोलंबो (Colombo) में उनके आधिकारिक आवास पर धावा बोलने के बाद राष्ट्रपति सबसे पहले मालदीव (Maldives) के लिये रवाना हुए।
श्रीलंकाई संसद ने घोषणा की कि राष्ट्रपति चुनाव के लिये नामांकन मंगलवार (19 जुलाई 2022) को होंगे और श्रीलंका के नये राष्ट्रपति का चुनाव 20 जुलाई को होगा।
दिलचस्प है कि मुख्य विपक्षी नेता साजिथ प्रेमदासा (Sajith Premadasa) राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिये तैयार हैं। श्रीलंका का राष्ट्रपति चुनाव जीतने के हालातों को एक “कठिन काम” बताते हुए प्रेमदासा ने बीते शुक्रवार (15 जुलाई 2022) को कहा था कि वो चुनाव लड़ेंगे क्योंकि उन्हें विश्वास है कि सच्चाई की जीत होगी।
उत्पादन के लिये बुनियादी इनपुट की गैरमौजूदगी, मार्च 2022 के बाद से मुद्रा का 80 फीसदी मूल्यह्रास, विदेशी भंडार की कमी और अपने अंतरराष्ट्रीय ऋण दायित्वों को पूरा करने में देश की नाकामी के कारण श्रीलंकाई अर्थव्यवस्था में तेज गिरावट देखी गयी।
ईंधन की कमी के बीच हर दिन कर्ज में डूबे देश भर में सैकड़ों श्रीलंकाई पेट्रोल पंपों पर कतार में लगे रहते हैं, साथ ही बड़ी तादाद में लोग अपनी कारों और मोटरसाइकिलों को छोड़कर साइकिल से आना जाना कर रहे हैं। श्रीलंका के इतिहास में सबसे खराब आर्थिक संकट ने ईंधन जैसी आवश्यक वस्तुओं की भारी कमी देखी जा रही है। श्रीलंका में फ्यूल स्टेशनों पर लंबी कतारें अब आम सी बात होने लगी है।
ईंधन की आसमान छूती कीमतें साइकिल की बिक्री में बढ़ोतरी के पीछे बड़ा कारण है और कुछेक स्टोर में साइकिल स्टॉक बाहर हो चली हैं।