टेक डेस्क (रंगनाथ दीक्षित): मल्टीमीडिया, विजुअल्स इफेक्ट और वीडियो एडिटिंग से जुड़े लोग फोटोशॉप, इलेस्ट्रेटर, आफ्टर इफेक्ट और प्रीमियर प्रो से अच्छी तरह वाकिफ होगें। ये सारे प्रोडक्ट एडोब (Adobe) कंपनी के है। जिनके सह संस्थापक चार्ल्स गेश्के ने हाल ही में दुनिया को अलविदा कह दिया। चार्ल्स को मुख्यतौर पर डॉट पीडीएफ (Portable document format-.pdf) फाइल फॉर्मेट के डेवलपर के तौर पर काफी ख्याति मिली थी। वो 81 साल के थे।
वो सैन फ्रांसिस्को बे एरिया उपनगर लॉस अल्टोस में रहते थे। एडोब ने उनके देहांत का अधिकारिक ऐलान किया। एडोब के सीईओ शांतनु नारायण ने कंपनी के कर्मचारियों को एक ईमेल में लिखा कि, चार्ल्स गेश्के के जाने से पूरी एडोब कम्युनिटी और प्रौद्योगिकी उद्योग जगत को भारी नुकसान पहुँचा है। चार्ल्स कई दशकों से कंपनी के मार्गदर्शक और हीरो रहे हैं। बतौर एडोब के सह-संस्थापक के रूप में, चक (चार्ल्स गेश्के) और जॉन वार्नॉक ने कई बड़े सॉफ्टवेयर डेवलप किये, इन सॉफ्टवेयर्स ने लोगों को सृजन करने और संवाद करने में कई क्रांतिकारी बदलाव लाये। डेस्कटॉप पब्लिशिंग क्रांति (Desktop publishing revolution) उन्हीं की देन है। चक ने कंपनी में इनोवेशन के लिये मुहिम को शुरू किया। नतीजन पीडीएफ, एक्रोबेट, इलस्ट्रेटर, प्रीमियर प्रो और फोटोशॉप जैसे कई युगांतकारी सॉफ्टवेयरों का आविष्कार हुआ।
गौरतलब है कि साल 1992 में गेशके का अपहरण कर लिया गया था और इस घटना ने राष्ट्रीय सुर्खियां बटोरी थीं। उन्हें चार दिनों के लिए कैलिफोर्निया के हॉलिस्टर (Hollister of california) में बंदूक की नोक पर रखा गया था। फिरौती की $ 650,000 (4.85 करोड़ रुपये) रकम मिलने के बाद किडनैपर्स ने उन्हें छोड़ा था। गेश्के और वॉर्नॉक को साल 2009 में राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी पदक से सम्मानित किया गया था। गेश्के की पत्नी, नान गेश्के ने मीडिय को बताया कि वो काफी विनम्र इंसान थे। बेशक उन्हें अपनी सफलता पर बहुत गर्व था लेकिन वो इस बारे में बेहद चौकस थे कि इस सफलता के नशे से बचके रहना है।