एजेंसियां/न्यूज डेस्क (श्री हर्षिणी सिंधू): Taliban: काबुल में रूसी राजदूत दिमित्री झिरनोव (Russian Ambassador Dmitry Zhirnov) ने आज (1 दिसंबर 2021) कहा कि वित्तीय संसाधनों की कमी के कारण तालिबान अफगानिस्तान में आतंकवाद से प्रभावी ढंग से लड़ने में कठिनाइयों का सामना कर रहा है। रूसी समाचार एजेंसी स्पूतनिक (Russian news agency Sputnik) ने झिरनोव के हवाले से कहा कि, “सितंबर के बाद से तालिबान द्वारा काबुल पर कब्जा करने और फिर आतंकवादियों को भूमिगत करने के डेढ़ महीने बाद बदकिस्मती से हालात बद से बदतर होने लगे है।”
झिरनोव ने कहा कि- नये अफगान अधिकारियों के पास अब पैसा नहीं है, देश के वित्तीय खातों को अमेरिकी सरकार ने कुर्क कर दिया है और पश्चिमी मुल्कों के प्रतिबंधों ने अफगान बैंकिंग प्रणाली (Afghan Banking System) को अपाहिज बना दिया है। इन हालातों स्थितियों में आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी लड़ाई के बारे में बात करना मुश्किल है।
गौरतलब है कि नागरिकों को निकालने और मानवीय सहायता देने के लिये तीन रूसी सैन्य परिवहन विमान अफगानिस्तान पहुंच गये हैं। रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु (Defence Minister Sergei Shoigu) ने कहा कि “रूसी संघ के 380 से ज़्यादा नागरिकों, सीएसटीओ सदस्य राज्यों (किर्गिस्तान) और रूसी विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे अफगान छात्रों को हवाई रास्ते से निकालने के मिशन पर है। फिलहाल मौजूदा मिशन का तीसरा दौर चल रहा है।”
इस मामले पर रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि- जनरल सर्गेई शोइगु ने अफगानिस्तान से लोगों की सकुशल वापसी के लिये 3 सैन्य परिवहन विमानों का एक हवाई समूह बनाया, जो काबुल के लिये चाकलोव्स्की हवाई क्षेत्र (Chkalovsky airfield) से निकल गया। इसके तहत पहला सैन्य परिवहन विमान (Military Transport Aircraft) अफगानों के लिये मानवीय सहायता (Humanitarian Aid) लेकर काबुल पहुँच चुका है। इसी तरह बाकी के सभी विमान भी अफगानिस्तान की आबादी के लिए रसद लेकर निकलने वाले है।
तालिबान ने 15 अगस्त को काबुल की सत्ता कब़्जा किया। जिससे अमेरिकी समर्थित सरकार (US backed government) को पद छोड़ना पड़ा। बाद में सितंबर में तालिबान ने अफगानिस्तान की नयी अंतरिम सरकार (Afghanistan's new interim government) के गठन का ऐलान किया। तालिबानी कब़्जे के बाद से ही अफगानिस्तान गहराते आर्थिक, मानवीय और सुरक्षा संकट से जूझ रहा है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय, कई सरकारों से लेकर गैर-सरकारी संगठन अफगान लोगों को कई तरह मदद मुहैया करवा रहे है।
जैसा कि तालिबान शासित अफगानिस्तान पर आर्थिक संकट मंडरा रहा है, अमेरिका ने भी अफगान केंद्रीय बैंक से जुड़े लगभग 9.5 बिलियन अमरीकी डालर की संपत्ति को कुर्क कर दिया है और नकदी की शिपमेंट रोक लगा दी है। जवाब में तालिबान अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अफगानी तरल संपत्तियों (Afghani Liquid Assets) को बहाल करने की मांग कर रहा है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) ने मानवीय संकट को रोकने के लिये पश्चिमी बैंकों में अफगानों की संपत्ति को अनब्लॉक और अनफ्रीज करने का आह्वान किया है। इसी मामले पर उन्होनें बीते मंगलवार (30 नवंबर 2021) को कहा कि- अफगान लोगों की मदद करना जरूरी है, कम से कम अफगानी करेंसी अनब्लॉक (Afghani Currency Unblocked) होनी चाहिये। जो पश्चिमी बैंकों के खातों में है, खासतौर से अफगानी करेंसी और तरल संपत्तियों की ज़्यादा तादाद अमेरिकी बैंक में कैद है। इसे अनब्लॉक किया जाना चाहिये।