न्यूज डेस्क (गंधर्विका वत्स): तालिबान (Taliban) के आंतक से भारी तादाद में अफगानी नागरिक लगातार वहां से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे है। जिसके कारण काबुल एयरपोर्ट पर अफरातफरी का माहौल बना हुआ है। इस बीच शिरोमणि अकाली दल (दिल्ली) के सफदरजंग इंक्लेव वॉर्ड 36 से डीजीएसएमसी प्रत्याशी डॉक्टर सरबजीत मिन्हास ने हर हाल में अफगान सिखों की मदद करने का भरोसा जताया है।
डॉक्टर सरबजीत मिन्हास ने दावा किया कि वो लगातार अफगानी सिखों के हालातों पर नज़रें बनाये हुए है। अफगानी सिखों की सकुशल भारत में वापसी कराने के लिये विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय के कई आला अधिकारी उनके सम्पर्क में बने हुए है। इस बीच ट्रेडीं न्यूज उन्होंने से बातचीत करते हुए बताया कि, तालिबान लगातार दहशत का माहौल बनाता जा रहा है। काबुल समेत कई प्रांतीय राजधानियों (Provincial Capitals) से आने वाले वीडियो देखकर इंसानियत का कलेजा कांप उठा है। ऐसे में अफगान सिखों की मदद के लिये हम काफी मुस्तैदी बरता रहे है, हम उनकी मदद करने के लिये हर तरह तैयार है।
डॉक्टर मिन्हास के मुताबिक कई अफगान सिखों ने निजी तौर पर उनसे मदद की गुहार लगायी है। ऐसे में वो लगातार कोशिश कर रहे है कि विदेश मंत्रालय की मदद से उन्हें वापस भारत लाया जाये। साथ ही शरणार्थी के तौर पर भारत सरकार और गुरूद्वारा कमेटी (Gurdwara Committee) की ओर से उन्हें हर मुमकिन मदद मुहैया करवायी जाये। अफगान सिखों के पुर्नवास, भारतीय नागरिकता और आवास सुविधा के लिये डॉक्टर मिन्हास अपने स्तर पर खाका तैयार कर रहे है।
माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस मुद्दे को लेकर परमजीत सिंह सरना, हरविंदर सिंह सरना और डॉक्टर सरबजीत मिन्हास की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल (Delegation) गृहमंत्री अमित और विदेशमंत्री एस.जयशंकर से मुलाकात कर ज्ञापन सौंप सकता है। डॉक्टर मिन्हास के मुताबिक पूरी हिंदुस्तानी सिख कौम अफगान सिखों की मदद के लिये तरह तैयार है। इसके लिये हमने अपने स्तर पर कोशिशें और कवायदें तेजी कर दी है।
अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अफगान सिखों की आवाज़ को बुलंद करने के लिये डॉक्टर सरबजीत मिन्हास ने कनाडा, ब्रिटेन समेत आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और अमेरिकी सिख नेताओं से इस मुद्दे पर मदद मांगी है। हाल ही में कई विदेशी सिख नेताओं ने उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिया है ताकि अफगान सिखों की मदद में किसी तरह की कोई कमी ना आये। इसके साथ ही डॉक्टर मिन्हास अपने निजी सम्पर्कों का इस्तेमाल कर डिप्लोमैटिक चैनलों (Diplomatic Channels) की मदद से लगातार अफगान सिखों तक अपनी पहुँच बनाने का प्रयास कर रहे है।