न्यूज डेस्क (प्रियंवदा गोप): अफगानिस्तान (Afghanistan) शांति प्रक्रिया और इसके विकास के दौर से गुजर रहा है। इसी क्रम में अफगान विदेश मंत्री मोहम्मद हनीफ अतमार 22 मार्च को दिल्ली का दौरा करेंगे। दिल्ली यात्रा के दौरान मोहम्मद हनीफ अतमार विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बातचीत करेगें। साथ ही इस मौके पर कई और भी गणमान्य लोग में कार्यक्रम में शिरकत करेगें। अफगानी विदेश मंत्री का दिल्ली दौरा ऐसे मौके पर हो रहा है, जब बिडेन प्रशासन अफगान शांति प्रक्रिया (Afghan peace process) के मौजूदा हालातों की समीक्षा कर रहा है।
गौरतलब है कि वाशिंगटन ने 6 देशों को अफगान शांति वार्ता का प्रस्ताव दिया है। इसमें संयुक्त राष्ट्र के माध्यम से भारत को भी शामिल किया गया है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी जे. ब्लिंकेन ने अफगान राष्ट्रपति को खत लिखकर कहा कि, अमेरिका अफगानिस्तान में शांति का समर्थन करने के लिए एकीकृत दृष्टिकोण पर चर्चा (Discussion on integrated approach) करना चाहता है। इसके लिए संयुक्त राष्ट्र से विदेश मंत्री और रूस, चीन, पाकिस्तान, ईरान, भारत से दूतों को आधिकारिक निमन्त्रण दिया गया है।
22 मार्च को होने वाले काबुल के इस नई दिल्ली दौरे को काफी हाई-प्रोफाइल माना जा रहा है। गौरतलब है कि साल की शुरुआत के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने काबुल और अफगान के दौरे में देश की अगुवाई की थी। इस दौरान अफगान विदेशमंत्री एतमार भी उनके साथ मौजूद थे। इस कवायद का मुद्दा अफगानिस्तान में शांति का समर्थन करते हुए क्षेत्रीय सहमति बनाने के साथ आंतकवाद की खिलाफत करना था।
इस दौरान अफगान राष्ट्रपति गनी ने एक बयान में कहा था कि नाटो और संयुक्त राज्य अमेरिका के संयुक्त प्रयासों से अफगानिस्तान और भारत आतंकवाद के खिलाफ मुहिम में कामयाब हो पायेगें। पिछले साल अफगानिस्तान की तरफ से दिल्ली की ओर से तीन उच्च-स्तरीय दौरे देखे गये थे। इनमें अफगानिस्तान के पूर्व उपराष्ट्रपति अब्दुल रशीद दोस्तम, अफगानिस्तान के उच्च परिषद की राष्ट्रीय पुनर्संयोजक के अध्यक्ष डॉ. अब्दुल्ला अब्दुल्ला और वरिष्ठ अफगान राजनीतिज्ञ अता मोहम्मद नूर शामिल थे।