न्यूज डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): केरल के पशुपालन मंत्री जे चिंचुरानी (Kerala Animal Husbandry Minister J Chinchurani) ने आज (22 जुलाई 2022) कहा कि केरल के वायनाड जिले (Wayanad District) से अफ्रीकी स्वाइन फ्लू (ASF- African Swine Flu) मिलने की जानकारी सामने आयी है। अभी तक अफ्रीकी स्वाइन फीवर की आधिकारिक संख्या की पुष्टि नहीं हुई है। पशुपालन विभाग के अधिकारी कथित जगह का दौरा कर रहे हैं। बता दे कि अफ्रीकी स्वाइन बुखार सूअरों में बुखार, मतली और दस्त का बड़ा कारण बनता है। पुणे में नमूनों की जांच के लिये जाने के बाद जिले के एक खेत में सूअरों में इस बीमारी की पुष्टि हुई थी।
जुलाई की शुरूआत में उत्तराखंड (Uttarakhand) में अफ्रीकी स्वाइन बुखार के कई मामले सामने आये थे। ये बीमारी काफी तेज से फैलती है और इसका कोई टीका नहीं है। सरकार ने स्थानीय निवासियों से सूअर का मांस खाने से बचने की गुज़ारिश की है। इस महीने की शुरूआत में उत्तर-पूर्वी राज्यों असम, मिजोरम, सिक्किम और त्रिपुरा (Sikkim and Tripura) से भी अफ्रीकी स्वाइन फ्लू के कई मामले सामने आये थे।
इसी साल अप्रैल महीने में त्रिपुरा (Tripura) में अज्ञात कारणों से कुल 63 सूअरों की मौत हो गयी, जिसकी वज़ह से अफ्रीकी स्वाइन फ्लू के खतरे घंटी बजती दिखी थी। इस प्रकोप से पहले त्रिपुरा के कथित फार्म के पिग शेड में 265 व्यस्क सूअर और 185 छोटे सूअर थे। देश में अफ्रीकी स्वाइन फ्लू पहला मामला मई 2020 में असम और अरूणाचल प्रदेश (Assam and Arunachal Pradesh) में सामने आया था।
फिलहाल मौजूदा हालातों में ये बीमारी इंसानों के लिये खतरनाक नहीं है। दूसरी ओर सूअरों पर इसका बड़ा असर पड़ता है। अफ्रीकी स्वाइन फ्लू की चपेट में आने वाले सुअरों के अंदरूनी संवेदनशील अंग फटने लगते है, उनमें रक्तस्राव होने लगता है।
अफ्रीकी स्वाइन फ्लू दुनिया भर में लगातार फैल रहा है, जिससे सुअरों की सेहत को बड़ा खतरा है। ये रोग एशिया, कैरिबियन, यूरोप और प्रशांत क्षेत्र (Europe and The Pacific) के कई देशों में पहुंच चुका है, जिससे घरेलू और जंगली दोनों सूअर प्रभावित होते हैं। वैश्विक स्तर पर 2005 से अब तक कुल 73 देशों में अफ्रीकी स्वाइन फ्लू की जानकारी मिली है।