नई दिल्ली (विश्वरूप प्रियदर्शी): दीवाली और छठ पूजा (Chhath Puja) पर अब प्रदूषण और कोरोना की मार का साफ असर पड़ता दिखाई दे रहा है। जिसकी वज़ह से दिल्ली सरकार को कई कड़े फैसले लेने पड़ रहे है। हाल ही में दिल्ली सरकार ने राजधानी में खतरनाक स्तर पर पहुँचे वायु प्रदूषण को देखते हुए पटाखों पर त्वरित प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया। जिसकी वजह से पटाखा व्यापारी और दिल्ली प्रदेश भाजपा (Delhi Pradesh BJP) केजरीवाल सरकार पर हमलावर हो गये। इसी फेहरिस्त के तहत आज दिल्ली सरकार ने छठ पूजा लेकर सख्त फरमान जारी कर दिया है। जिसके खुलासा स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन (Health Minister Satyendra Jain) ने किया और मीडिया को बताया कि- दिल्ली सरकार ने घाटों के पास सामुदायिक छठ पूजा समारोह पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है।
इस मामले पर मीडिया से रूबरू होते हुए सत्येंद्र जैन ने कहा- सुरक्षा के मद्देनजर और महामारी के बीच भीड़ इकट्ठा होने से बचने के लिए, हमने इस साल घाटों के पास सामुदायिक छठ पूजा समारोह पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। जिसके लिए अधिकारियों को निर्देश जारी किये गये है कि, वे COVID-19 प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें।
गौरतलब है कि सीओवीआईडी -19 के मामलों ने राजधानी में तेजी दर्ज की है। जिसके अन्तर्गत वायरस संक्रमणग्रस्त मरीज़ों का आंकड़ा 8,000 को पार करके नये रिकॉर्ड बना रहा है। बीते बुधवार के दौरान 8,593 नये कोरोना के मामले और 85 मौतें दर्ज की गईं। फिलहाल मृत्यु दर अब तक 1.57 प्रतिशत है, जबकि पिछले 10 दिनों में यह 0.99 प्रतिशत पर बनी हुई थी। इन्हीं हालातों के मद्देनज़र स्वास्थ्य मंत्री ने आश्वासन दिया कि दिल्ली सरकार टेस्टिंग में भी काफी तेजी लायेगी। उन्होनें उम्मीद जतायी कि जल्द ही संक्रमण की तेजी में भी कमी आयेगी।
हालातों के नियन्त्रण के मामले पर उन्होनें बात रखते हुए कहा कि, टेस्टिंग की दर में सरकार द्वारा काफी इज़ाफा किया गया है। इसलिए संक्रमण के मामलों में उछाल देखा जा रहा है। पिछले 10 दिनों के दौरान औसत मृत्युदर 1 प्रतिशत से नीचे दर्ज गई। हमें उम्मीद है कि आने वाले हफ़्ते में संक्रमण में आये इस उछाल में कमी आयेगी। फिलहाल अस्पतालों में 8500 बेड्स पर कोरोना रोगियों का इलाज़ चल रहा है। 8000 बेड्स खाली पड़े हुए है। साथ ही 80 फीसदी संक्रमित घर में या दूसरी संस्थाओं में आइसोलेटिड है। कुल संक्रमितों में से सिर्फ 10-15 फीसदी मरीज़ो को ही अस्पताल में इलाज की जरूरत होती है।
छठ पूजा पर सामुदायिक पूजा पर प्रतिबंध आम आदमी पार्टी के लिए गले की फांस बन सकता है। इसे आधार बनाकर दिल्ली प्रदेश भाजपा पूर्वांचल लोगों को दिल्ली सरकार के खिलाफ कर सकती है। दिलचस्प ये भी है कि केजरीवाल सरकार की अगुवाई में ही दिल्ली में छठ पूजा पर अवकाश घोषित किया गया था। दिल्ली सरकार के इस फरमान के बाद पूर्वांचल के लोग इस फैसले का स्वागत करते है या आलोचना इसके लिए थोड़ा इंतज़ार करना होगा।