न्यूज डेस्क (शाश्वत अहीर): अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) को लागू करने के विरोध में देश भर में बड़े पैमाने पर हिंसा देखी जा रही है, खासकर बिहार (Bihar) में। सूबे में अग्निपथ विरोध ने हिंसक रूप ले लिया, इस दौरान कई ट्रेन के डिब्बे जला दिये गये और कई शहरों में पथराव की घटनायें देखी गयी।
अग्निपथ योजना के खिलाफ इन हिंसक विरोधों-प्रदर्शनों के बीच चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Election Strategist Prashant Kishor) ने भाजपा और राजद को उनकी आपसी “लड़ाई” के लिये कटघरे में खड़ा किया। सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की आलोचना करते हुए किशोर ने सेना की भर्ती की तैयारी कर रहे युवा छात्रों से अग्निपथ स्कीम के खिलाफ अहिंसक प्रदर्शन का सहारा लेने की गुजारिश की।
इसी मामले पर प्रशांत किशोर ने ट्विटर पर लिखा कि, अग्निपथ योजना पर आंदोलन होना चाहिए, हिंसा और तोड़फोड़ नहीं। बिहार की जनता दल यूनाइटेड और भाजपा (Janata Dal United and BJP) की आपसी तनातनी का ख़ामियाज़ा भुगत रही है। बिहार जल रहा है और दोनों दलों के नेता मामले को सुलझाने के बजाये एक दूसरे पर छींटाकशी और आरोप प्रत्यारोप में व्यस्त हैं।
अहम बात ये है कि प्रशांत किशोर का ये ऐसे वक्त में सामने आ रहा है, जब सूबे में सेना की भर्ती चाहने वालों के हिंसक विरोध को लेकर जद (यू) और भाजपा के बीच नये सिरे से ज़ुबानीजंग देखी जा रही है। इस बीच भाजपा ने नीतीश कुमार सरकार को भाजपा के नेताओं के घरों पर “हमलों को रोकने में नाकाम” रहने के लिये जिम्मेदार ठहराया।
बता दे कि अग्निपथ योजना के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने बिहार की उपमुख्यमंत्री रेणु देवी (Deputy Chief Minister Renu Devi) और बिहार भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल (Bihar BJP President Sanjay Jaiswal) के घर पर हमला किया, जिस पर भारतीय जनता पार्टी की ओर से तीखी प्रतिक्रिया हुई। बिहार भाजपा प्रमुख संजय जायसवाल ने बीते शनिवार (19 जून 2022) राज्य सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया था कि राज्य में हिंसक विरोध को रोकने के लिये उनकी कोशिशें “नाकाफी” थी।
जायसवाल के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए जद (यू) के राष्ट्रीय प्रमुख राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह (JDU National Chief Rajeev Ranjan/Lalan Singh) ने कहा कि, “केंद्र सरकार ने एक फैसला किया। दूसरे राज्यों में भी इसका विरोध हो रहा है। युवा अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं, इसलिए वो विरोध करने उतरे है। हम हिंसा को कतई मंजूर नहीं कर सकते। लेकिन बीजेपी को ये जानना चाहिए कि इन युवाओं को क्या चिंता है और उनकी चिंता हाल क्या हो सकता है, इसके बजाय भाजपा प्रशासन पर आरोप लगा रही है।
गौरतलब है कि अग्निपथ योजना के विरोध में कई संगठनों ने बिहार बंद का आह्वान किया है और राज्य के अशांत इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी है। इसके अलावा बिहार के कई शहरों में इंटरनेट भी बंद कर दिया गया है।