नई दिल्ली (शौर्य यादव): AIIMS Cyber Attack: रैंसमवेयर हमले में एम्स दिल्ली का सर्वर डाउन होने के सात दिनों के बाद मंगलवार (29 नवंबर 2022) को सर्वर पर ई-हॉस्पिटल डेटा (E-hospital Data) बहाल कर दिया गया। हालांकि अस्पताल सेवायें अभी भी मैनुअल मोड में चल रही हैं, क्योंकि सेवाओं को बहाल करने से पहले नेटवर्क को साफ किया जा रहा है। ई-सेवाओं को बहाल करने से पहले नेटवर्क को सैनिटाइज किया जा रहा है। डेटा ज्यादा होने की वज़ह से सर्वर में पूरी तरह अपलोड होने में इसे वक्त लग सकता है। साथ ही साइबर सुरक्षा के लिये कई एहतियाती उपाय भी किये जा रहे है।
सभी अस्पताल सेवायें जिनमें आउट पेशेंट, इन-पेशेंट, लैब शामिल हैं, इन सभी को मैनुअल मोड पर चलाया जा रहा हैं। बता दे कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली का प्राइमरी और पहला बैकअप सर्वर (Backup Server) बुधवार 23 नवंबर की सुबह करीब 7 बजे डाउन पाया गया। बाद में पता चला कि ये रैंसमवेयर अटैक (Ransomware Attack) है। प्रकरण में दिल्ली पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया। एनआईए (NIA) और सीईआरटी-इन समेत कई एजेंसियां इस जांच में शामिल हुई।
सोमवार (28 नवंबर 2022) को एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि हैकर्स ने एम्स के अधिकारियों से 200 करोड़ रूपये की मांग की थी। हालांकि दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने मीडिया में आयी इन खबरों को खारिज करते हुए कहा था कि एम्स के अधिकारियों से ऐसी कोई फिरौती की मांग नहीं की गयी।
इस साइबर हमले ने चिकित्सा सुविधाओं, मरीज़ों और अन्य सेवाओं को मैनुअल मोड में चलाने के लिये मजबूर किया। ऑनलाइन अपॉइंटमेंट सुविधा की गैरमौजूदगी की वज़ह से ओपीडी अपॉइंटमेंट (OPD Appointment) के लिये अस्पताल आने वाले लोगों की तादाद में खासा इज़ाफा देखा गया। मैन्युअली ऑप्रेशंस और मैनेजमेंट करने की वज़ह एम्स को अतिरिक्त कर्मियों को तैनात करना पड़ा। इस बीच ताजातरीन रिपोर्टों में दावा किया गया है कि इस हमले के पीछे चीनी और उत्तर कोरियाई हैकरों का हाथ हो सकता है।