न्यूज़ डेस्क (नई दिल्ली): बीजेपी और केंद्र ने रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी (Arnab Goswami) और ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता के बीच व्हाट्सएप चैट (WhatsApp chats) पर प्रतिक्रिया देने से दूरी बना ली है।
कांग्रेस कार्य समिति (CWC) ने शुक्रवार को “राष्ट्रीय सुरक्षा के उल्लंघन, ऑफिसियल सीक्रेट एक्ट के उल्लंघन (Official Secrets Act)” के कारण समयबद्ध जांच” की मांग की है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने कहा कि “जो लोग दूसरों को देशभक्ति और राष्ट्रवाद का प्रमाण पत्र देते हैं वे अब पूरी तरह से सामने आ गये हैं।”
एक केंद्रीय मंत्री ने कहा कि “हमें इस मामलें में क्यूँ पड़ना चाहिए?” गोस्वामी ने किसी से क्या चैट की है इससे न तो सरकार और न ही पार्टी का कोई लेना-देना है। अब तक, कोई गलत काम नहीं हुआ है, साबित करने के लिए कुछ भी नहीं है कि किसी भी पार्टी के नेता का इससे कोई लेना-देना है।
कांग्रेस के इस आरोप पर कहा कि चैट में गोस्वामी को बालाकोट के संदर्भ में “संवेदनशील” सैन्य ऑपरेशन के बारे में पहले से ही जानकारी थी, भाजपा नेताओं ने कहा कि चैट में उस समय की ऐसी कोई भी जानकारी सामने नही आई है जो सार्वजनिक नही थी। दरअसल, पार्टी और सरकार में कई नेताओं से लेकर प्रधानमंत्री तक ने पुलवामा हमले का बदला लेने के लिए निर्णायक कार्रवाई की चेतावनी दी थी।
स्वर्गीय अरुण जेटली (Arun Jaitley), प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javadekar) और पूर्व मंत्री राज्यवर्धन राठौर (Rajyvardhan Rathore) जैसे नेताओं के बारे में टिप्पणी करते हुए गोस्वामी ने चैट के दौरान लिखा कि “सभी मंत्री हमारे साथ हैं,” साथ ही अर्नब ने PMO सहित राजनीतिक नेतृत्व के साथ मध्यस्थता करने की भी पेशकश की थी।
फिलहाल मुंबई पुलिस ने TRP scam मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट में इन चैट के स्क्रीनशॉट सबूत के तौर पर पेश किए हैं। चैट में गोस्वामी साफ़ तौर पर दावा करते नज़र आ रहे रहे हैं कि ‘सारे मंत्री हमारे साथ हैं’, ऐसे में अगर कांग्रेस पार्टी की मांग पर अर्नब के दावो की JPC जांच होती है। तो संसद खुलते ही BJP और केंद्र के कई नेताओं की मुसीबतें बढ़ सकती हैं।