नई दिल्ली (शौर्य यादव): कोरोना महामारी की चुनौतियों से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक (All Party Meet) का आह्वान किया गया। आगामी रणनीति पर विचार विमर्श के लिए इस बैठक में तमाम राजनीतिक दलों के लोगों ने शिरकत की। साथ ही लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्यों को इस वर्चुअल बैठक में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया गया। गौरतलब है कि कोरोना के मुद्दे पर केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गयी यह दूसरी सर्वदलीय बैठक है।
बैठक में कैबिनेट मिनिस्टर राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और वी. मुरलीधरन ने अपनी मौजूदगी दर्ज करवायी। इसके साथ ही जनता दल (सेकुलर) के वरिष्ठ नेता एचडी देवगौड़ा इस बैठक में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े।
हालातों पर चर्चा करने के लिए आम आदमी पार्टी से संजय सिंह, तृणमूल कांग्रेस से सुदीप बंद्योपाध्याय और डेरेक ओ’ ब्रायन, कांग्रेस से अधीर रंजन चौधरी और गुलाम नबी आजाद, समाजवादी पार्टी से राम गोपाल यादव, बहुजन समाजवादी पार्टी से सतीश मिश्रा, राष्ट्रीय जनता जल से प्रेम चंद्र गुप्ता, YSRCP से विजयसाई रेड्डी और मिथुन रेड्डी, बीजू जनता दल से चंद्रशेखर साहू, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) से शरद पवार, जनता दल यूनाइटेड से आरसीपी सिंह, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन से इम्तियाज जलील, शिवसेना से विनायक राउत, ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) से नवनीत कृष्णन, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, (DMK) से TRK बालू और तिरुचि शिवा और टीडीपी से जय गल्ला ने बैठक में शिरकत की।
बैठक के दौरान द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के TRK बालू एक अलग ही मुद्दे पर बुरी तरह भड़क गये। मीटिंग के बीच प्रेजेंटेशन को सिर्फ हिन्दी में दिखाया गया। जिस पर उन्होनें कड़ी आपत्ति जाहिर की। उन्होनें मसला उठाया कि बैठक में दिखाई गयी प्रेजेंटेशन अंग्रेजी में क्यों नहीं है या फिर हिन्दी वाली प्रेजेंटेशन को अंग्रेजी सबटाइटल के साथ क्यों नहीं दिखाया गया। साथ ही उन्होनें बैठक में किसानों के मसले पर विचार-विमर्श करने को कहा। विवाद में हस्तक्षेप करते हुए संसदीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि, किसानों का मुद्दा बैठक के एजेंडे (Meeting agenda) में शामिल नहीं है। साथ ही उन्होनें भरोसा दिया कि, बैठक में जो प्रेजेंटेशन दिखाई गई है, उसका इंगलिश ट्रांसलेशन मुहैया करवा दिया जायेगा।
मीटिंग में कोरोना वैक्सीन के मसले पर पीएम मोदी ने कहा- हमें राज्य सरकारों से कई सुझाव और सलाह मिली है। देश में कोरोना फैलने के बाद आशंकाओं से लेकर अब तक हमने आशाओं और विश्वास का लंबा सफर तय किया है। अब हम वैक्सीन हासिल करने के मुकाम पर आ खड़े हुए है, लेकिन इसके लिए आम लोगों का सहयोग और वैज्ञानिक दृष्टिकोण की बहुत जरूरत होगी। आने वाले कुछ ही हफ़्तों में वैक्सीन उपलब्ध होने की पुख़्ता संभावनायें है। जैसे ही वैज्ञानिक कसौटी पर सभी मानदंड खरे उतरेगें, देशभर में सघन टीकाकरण अभियान (Intensive vaccination campaign) शुरू कर दिया जायेगा।
कोरोना टीकाकरण अभियान में राज्य सरकारों की भूमिका पर पीएम मोदी ने कहा- टीकों की लागत उभर रहे सवालों पर केंद्र और राज्य सरकारों मिलकर लगातार चर्चा कर रही हैं। टीके की लागत को सार्वजनिक स्वास्थ्य के आधार पर निर्धारित किया जायेगा। देश में संभावित रूप से 8 कोरोना वैक्सीन का ट्रायल अलग-अलग चरणों में हो रहा है। इनका उत्पादन भी भारत में ही होगा। स्वदेशी तकनीक से विकसित तीन भारतीय 3 वैक्सीन का ट्रायल विभिन्न चरणों में चल रहा है। जानकार मानते है कि अब कोरोना वैक्सीन के लिए बहुत ज़्यादा इंतजार नहीं करना होगा।
सर्वदलीय बैठक के बाद पीएम मोदी ने कही ये बड़ी बातें
- इस बारे में बीते दिनों मेरी सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से भी लंबी बात हुई थी। टीकाकरण को लेकर राज्य सरकारों के अनेक सुझाव भी मिले थे। कुछ दिन पहले मेरी Made In India वैक्सीन बनाने का प्रयास कर रही वैज्ञानिक टीमों से काफी देर तक सार्थक बातचीत हुई है।
- भारत के वैज्ञानिक अपनी सफलता को लेकर बहुत आश्वस्त हैं। अभी अन्य देशों की कई वैक्सीनों के नाम आप सुन रहे होंगे।लेकिन दुनिया की नजर कम कीमत वाली सबसे सुरक्षित वैक्सीन पर है और इस वजह से सबकी दृष्टि भारत पर है। अहमदाबाद, पुणे और हैदराबाद जाकर मैंने ये भी देखा है कि वैक्सीन मैन्यूफैक्चरिंग को लेकर देश की तैयारियां कैसी हैं।
- टीकाकरण के पहले चरण में किसे वैक्सीन लगेगी, इसे लेकर भी केंद्र सरकार राज्य सरकारों से मिले सुझावों के आधार पर काम कर रही है। इसमें प्राथमिकता कोरोना के मरीजों के इलाज में जुटे Health Care Workers, Front Line Workers और पहले से गंभीर बीमारियों से जूझ रहे बुजुर्ग लोगों को दी जाएगी।
- वैक्सीन के डिस्ट्रीब्यूशन को लेकर भी केंद्र और राज्य सरकार की टीमें मिलकर काम कर रही हैं। भारत के पास वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन Expertise और Capacity भी दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले बहुत बेहतर है। हमारे पास टीकाकरण के लिए दुनिया का बहुत बड़ा और अनुभवी नेटवर्क भी मौजूद है। इसका पूरा लाभ उठाया जाएगा।
- जो कुछ अतिरिक्त Cold Chain Equipment और अन्य Ligistics की जरूरत पड़ेगी, राज्य सरकारों की मदद से उसका भी आकलन हो रहा है। Cold Chain को और मजबूत करने के लिए भी साथ ही साथ काम चल रहा है। भारत ने एक विशेष सॉफ्टवेयर भी बनाया है Co-WiN जिसमें कोरोना वैक्सीन के लाभार्थी, वैक्सीन के उपलब्ध स्टॉक और स्टोरेज से जुड़ी रीयल टाइम इनफॉर्मेशन रहेगी।
- भारत में कोरोना वैक्सीन की रिसर्च से जुड़े दायित्व के लिए विशेष टास्क फोर्स का गठन किया गया था। और वैक्सीन से जुड़े अभियान का दायित्व National Expert Group को दिया गया है।इसमें टेक्नीकल एक्सपर्ट्स हैं, केंद्र सरकार के संबंधित मंत्रालयों और विभागों के अधिकारी हैं, प्रत्येक जोन के हिसाब से राज्य सरकारों के भी प्रतिनिधि हैं।
- ये National Expert Group राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रहा है। राष्ट्रीय और स्थानीय, हर जरूरत के मुताबिक फैसले National Expert Group द्वारा सामूहिक तौर पर लिए जाएंगे। एक राष्ट्र के रूप में भारत ने जो फैसले लिए, जिस प्रकार भारत ने तेज़ी से वैज्ञानिक तरीकों को अपनाया, उसका परिणाम आज दिख रहा है।
- भारत आज उन देशों में है जहां पर प्रतिदिन टेस्टिंग बहुत ज्यादा हो रही है।भारत आज उन देशों में है जहां पर रिकवरी रेट भी बहुत ज्यादा है।भारत उन देशों में भी शामिल है जहां पर कोरोना की वजह से होने वाली मृत्यु दर इतनी कम है। भारत ने जिस तरह कोरोना के खिलाफ लड़ाई को लड़ा है, वो प्रत्येक देशवासी की अदम्य इच्छाशक्ति को दिखाता है।
- विकसित देशों, अच्छे मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर वाले देशों की तुलना में भी भारत ने इस लड़ाई को कहीं बेहतर तरीके से लड़ा है और अपने ज्यादा से ज्यादा नागरिकों की जान बचाई है। हम भारतीयों का संयम, हम भारतीयों का साहस, हम भारतीयों का सामर्थ्य, इस पूरी लड़ाई के दौरान अतुलनीय रहा है, अभूतपूर्व रहा है।