न्यूज़ डेस्क (नई दिल्ली): पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी की राज्य इकाई में अंदरूनी कलह की चर्चा के बीच आज दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से मुलाकात करेंगे। बता दें कि राज्य में अगले साल की शुरुआत में चुनाव होने हैं।
कांग्रेस नेतृत्व राज्य के पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Siddhu) के साथ सिंह के विवाद को सुलझाने और अंदरूनी कलह खत्म करने की कोशिश कर रहा है। सिद्धू ने पिछले हफ्ते दिल्ली में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) से मुलाकात की थी।
गौरतलब है कि 2015 में सिख ग्रंथों की बेअदबी और उसके बाद प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की गोलीबारी की जांच पूरी करने में कथित देरी जैसे मुद्दों पर सिद्धू मुख्यमंत्री के साथ आमने-सामने थे।
पार्टी आलाकमान पंजाब इकाई में आंतरिक दरार को हल करने की कोशिश कर रहा है और अगले विधानसभा चुनाव से पहले बस कुछ महीने के साथ इसके सुधार की बात चल रही है। कुछ अटकलें हैं कि सिद्धू को नियोजित सुधार में एक महत्वपूर्ण भूमिका मिल सकती है।
22 जून को, अमरिंदर सिंह राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय AICC पैनल के सामने पेश हुए, जिसे पंजाब कांग्रेस में अंदरूनी कलह को हल करने के लिए स्थापित किया गया था। लेकिन वह पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी या राहुल गांधी से मिले बिना ही चंडीगढ़ लौट आए।
पैनल ने तब अमरिंदर को 18 लंबित वादों को पूरा करने के लिए कहा था, जिसमें 2015 की बेअदबी का मुद्दा और पिछली सरकार द्वारा हस्ताक्षरित बिजली खरीद समझौते शामिल हैं। पैनल ने पहले पार्टी के अन्य नेताओं से मुलाकात की थी और पार्टी आलाकमान को एक रिपोर्ट सौंपी थी।
राहुल गांधी ने 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी को मजबूत करने के लिए क्या आवश्यक है, इस पर अपने विचारों के लिए पंजाब के विधायकों सहित पार्टी के कई नेताओं से मुलाकात की है।
23 जून को, AICC महासचिव और पार्टी के पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत (Harish Rawat) ने कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी जुलाई की शुरुआत तक राज्य इकाई से संबंधित सभी मुद्दों को हल कर लेंगी और एक एकजुट पार्टी अगला विधानसभा चुनाव लड़ेगी।
अप्रैल में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा 2015 कोटकपूरा फायरिंग मामले की जांच को रद्द करने के बाद सिद्धू ने फिर से अमरिंदर सिंह की आलोचना करना शुरू कर दिया था। सीएम ने उनकी नाराजगी को 'पूर्ण अनुशासनहीनता' बताया है।
सिद्धू ने 2019 में स्थानीय निकाय विभाग से हटाए जाने के बाद पंजाब में मंत्री के रूप में इस्तीफा दे दिया था।