न्यूज डेस्क (गौरांग यदुवंशी): खराब मौसम की वज़ह एक दिन के लिये स्थगित रहने के बाद अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) आज (11 जुलाई 2022) फिर से शुरू हो गयी। 4,000 से ज़्यादा तीर्थयात्रियों का एक और जत्था दक्षिण कश्मीर में 3,880 मीटर ऊंची गुफा मंदिर के आधार शिविरों के लिये रवाना हुआ। खराब मौसम के कारण जम्मू (Jammu) से यात्रा स्थगित कर दी गयी थी और बीते रविवार को घाटी में किसी भी जत्थे को बेस कैपों में जाने की मंजूरी नहीं दी गयी थी।
8 जुलाई को अमरनाथ की पवित्र गुफा के पास भारी बारिश की वज़ह से अचानक आयी बाढ़ में कम से कम 16 लोगों की मौत हो गयी और 30 से अधिक लापता हो गये। अधिकारियों के मुताबिक सीआरपीएफ (CRPF) की भारी सुरक्षा के बीच 110 वाहनों के काफिले में भगवती नगर यात्री निवास (Bhagwati Nagar Yatri Niwas) से 12वें जत्थे में कुल 4,026 तीर्थयात्री रवाना हुए। इसमें 3,192 पुरूष, 641 महिलायें, 13 बच्चे, 174 ‘साधु’ और छह ‘साध्वी’ शामिल हैं।
बता दे कि बालटाल (Baltal) के लिये जाने वाले 1,016 तीर्थयात्री सबसे पहले भगवती नगर शिविर से 35 वाहनों में सुबह साढ़े तीन बजे रवाना हुए, इसके बाद 75 वाहनों का दूसरा काफिला 2,425 तीर्थयात्रियों को लेकर पहलगाम (Pahalgam) के लिये रवाना हुआ। पहलगाम मार्ग पर स्थित नुनवान आधार शिविर से आज सुबह तीर्थयात्रियों के एक नये जत्थे को भी मंजूरी दी गयी।
इस बीच सेना ने पवित्र गुफा के बाहर एक अस्थायी सीढ़ी का बनायी। बीते शुक्रवार (8 जुलाई 2022) को बादल फटने से जमीन खिसकने से अमरनाथ की ओर जाने वाला रास्ता क्षतिग्रस्त हो गया था। इस बीच भारतीय सेना की चिनार कोर्प्स (Indian Army’s Chinar Corps) ने पवित्र यात्रा के फिर से शुरू होने की आधिकारिक जानकारी ट्विटर पर सार्वजनिक की।
सालाना होने वाली 43-दिवसीय अमरनाथ यात्रा 30 जून को दो आधार शिविरों – दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग (Anantnag) में 48 किलोमीटर के नुनवान-पहलगाम और मध्य कश्मीर के गांदरबल (Ganderbal) में 14 किलोमीटर छोटे बालटाल से शुरू हुई। अब तक 1.13 लाख से ज़्यादा तीर्थयात्रियों ने गुफा मंदिर में पूजा-अर्चना किया, जहां उन्होनें प्राकृतिक रूप से निर्मित बर्फ के शिवलिंग के दर्शन किये।
इसके साथ ही 29 जून से घाटी के लिये भगवती नगर आधार शिविर से कुल 69,561 तीर्थयात्री रवाना हो चुके हैं, उस दिन उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (Lieutenant Governor Manoj Sinha) ने तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखायी थी। इस पवित्र यात्रा का समापन 11 अगस्त को रक्षा बंधन (Raksha Bandhan) के दिन होगा।