न्यूज डेस्क (समरजीत अधिकारी): अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) को महज एक दिन बाकी रह गया है, तीर्थयात्रियों का पहला जत्था आज (29 जून 2022) तड़के सुबह उधमपुर पहुंचा। स्थानीय लोगों, पंचायती राज संस्थाओं के सदस्यों और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। सेना और स्थानीय पुलिस के साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF- Central Reserve Police Force) की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच आज से तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे जम्मू यात्रा शुरू हुई।
इस मौके पर जिला विकास परिषद के अध्यक्ष लाल चंद के साथ-साथ उपायुक्त उधमपुर कृतिका ज्योत्सना (आईएएस) ने स्थानीय लोगों के साथ तीर्थयात्रियों का स्वागत किया और श्री अमरनाथ जी यात्रा की ओर प्रस्थान किया। डीसी उधमपुर (Udhampur) ने कहा कि तीर्थयात्रियों के लिये सुरक्षा के पुख़्ता इंतजाम किये गये हैं। तीर्थयात्री दो साल के अंतराल के बाद 30 जून से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा से पहले मंगलवार देर रात जम्मू पहुंचे।
जम्मू-कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा (Jammu and Kashmir LG Manoj Sinha) ने मंगलवार रात जम्मू बेस कैंप (Jammu Base Camp) से अमरनाथ यात्रा तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे से मुलाकात की। हिमालय के ऊपरी भाग में स्थित भगवान शिव के 3,880 मीटर ऊंचे गुफा मंदिर के लिये अमरनाथ तीर्थ यात्रा पहलगाम और बालटाल (Pahalgam and Baltal) के जुड़वां रास्तों की मदद से आयोजित की जाती है। जम्मू और कश्मीर सरकार (Government of Jammu and Kashmir) ने अमरनाथजी श्राइन बोर्ड के सदस्यों के साथ चर्चा के बाद 2020 और 2021 में मौजूदा COVID-19 हालातों के कारण सालाना अमरनाथ यात्रा रद्द कर दी थी।
अमरनाथ यात्रा के लिये अब बस एक दिन बाकी है, लंगर समितियां उधमपुर और बालटाल में अमरनाथ यात्रा के तीर्थयात्रियों की सुविधायें तैयार के लिये कमर कस रही हैं। जम्मू-कश्मीर में नाशरी से बनिहाल (Banihal) तक की 66 किलोमीटर की यात्रा पर आज से जम्मू से शुरू होने वाली यात्रा (तीर्थयात्रा) के दौरान अमरनाथ यात्रियों की सुविधा के लिये रामबन जिला प्रशासन (Ramban District Administration) द्वारा सभी जरूरी इंतज़ाम पूरे कर लिये गये हैं।
इसके अलावा अमरनाथ यात्रियों के लिये डीआरडीओ (DRDO) हॉस्टल तैयार किया गया है। श्री अमरनाथ तीर्थ के सीईओ नितीशवर कुमार (Shri Amarnath Teerth CEO Nitishwar Kumar) ने कहा कि, “अमरनाथ यात्रियों के लिये दोनों बेस कैंपों में डीआरडीओ हॉस्टल तैयार है। हमने तीर्थयात्रियों के ठहरने की व्यवस्था की है। तीर्थयात्रियों के लिये लंगर, चिकित्सा, कम्युनिकेशन और साफ-सफाई सुविधायें यहां की गयी हैं।”
अतिरिक्त जिला आयुक्त रामबन हरबंस लाल (Additional District Commissioner Ramban Harbans Lal) जो कि रामबन जिले में अमरनाथ यात्रा के नोडल अधिकारी भी हैं, ने कहा कि यात्रियों के लिये राष्ट्रीय राजमार्ग-44 के साथ-साथ शेल्टर शेड में मोबाइल शौचालयों के अलावा 1,005 शौचालयों की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों के लिये खासतौर से पानी की सप्लाई की गयी है। ‘यात्रियों’ (पर्यटकों) की सुरक्षा के लिये संवेदनशील जगहों सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं। इसके अलावा तीर्थयात्रियों को जरूरी जानकारी देने के लिए साइनबोर्ड और सार्वजनिक संबोधन प्रणाली भी तैयार की गयी है। इसके अलावा पुलिस नियंत्रण कक्ष और संयुक्त नियंत्रण कक्ष, हेल्पलाइन और जिला आपातकालीन संचालन केंद्र नंबर भी सक्रिय कर दिये गये हैं।
तीर्थयात्रियों आश्रय स्थलों पर साफ-सफाई के पुख्ता इंतजाम भी लगातार किये जा रहे हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी की देखरेख में लंगर और अन्य शेल्टर शेड में यात्रियों की किसी भी तरह की मेडिकल इमरजेंसी के लिये भी सभी इंतजाम किये गये हैं। रामबन जिले में NH-44 के साथ विभिन्न धार्मिक और परोपकारी संगठनों द्वारा 33 लंगर तीर्थयात्रियों की सेवा के लिये तैयार हैं। इन लंगरों में तीर्थयात्रियों को मुफ्त नाश्ता, दोपहर का भोजन और रात का खाना उपलब्ध कराया जायेगा। इसके अलावा रात्रि विश्राम के लिये बिस्तर और आपात स्थिति में नि:शुल्क दवायें भी लंगर में मौजूद होंगी। लंगर को सुचारू रूप से चलाने के लिये नोडल अधिकारियों की तैनाती की गयी है।
अमरनाथ यात्रा के मद्देनज़र जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है और तीर्थस्थल की ओर जाने वाले वाहन मार्गों पर 130 से ज़्यादा खोजी कुत्तों के इस्तेमाल पर खासा जोर दिया गया है ताकि आतंकवादी खतरों के बीच सुरक्षित तीर्थयात्रा सुनिश्चित की जा सके।
एक आला सरकारी अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि, ये पहली बार है जब सुरक्षा बल 30 जून से शुरू होने वाली 43 दिवसीय सालाना तीर्थयात्रा को संभावित तौर पर रोकने के लिए आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल होने वाले विस्फोटकों की जांच करने के लिये ज़्यादा से ज़्यादा तादाद में खोजी कुत्तों का इस्तेमाल किया जा रहा हैं।