न्यूज डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): बीते मंगलवार Russia में बनी Vaccine आधिकारिक की घोषणा हुई। जिसके चलते आनन-फानन में America में प्रशासनिक तौर पर बड़ा कदम उठाया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रम्प ने इस बीच मॉर्डना कंपनी (Mordana company) के साथ 10 करोड़ खुराकों का समझौता किया। देश दोनों के बीच कहीं ना कहीं विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में वर्चस्व और श्रेष्ठता दिखाने की होड़ (Competition to show supremacy and superiority in science and technology) मची हुई है। ये ठीक वैसा ही नज़ारा है, जो शीत युद्ध के दौरान दोनों देशों के बीच हुआ करता था। रूस द्वारा विकसित वैक्सीन की ट्रायल पद्धति पर कुछ वर्ग द्वारा लगातार सवालिया निशान लगाया जा रहा है।
समाचार एजेंसी के साथ बातचीत में रूसी स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराशको (Russian Health Minister Mikhail Murashko) ने बताया कि- स्पूतनिक-5 कोरोना के खिलाफ कारगर वैक्सीन है। कुछ लोग इसके साइड-इफैक्ट को लेकर चिंता ज़ाहिर कर रहे है, जो कि पूरी तरह बेबुनियाद है। मार्केट कॉम्पटीशन के चलते ये मनगढ़त बातें कही जा रही है। दूसरी ओर रूस की एसोसिएशन ऑफ क्लिनिकल ट्रायल्स ऑर्गनाइजेशन (Association of Clinical Trials Organization of Russia) ने स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराशको की चिट्ठी भेजकर वैक्सीन पर चिंता जाहिर की है। एसोसिएशन के मुताबिक कथित वैक्सीन ह्यूमन ट्रॉयल के तीसरे स्तर के निर्धारित मानकों को पालन नहीं करती है। ऐसे में इंसानी इस्तेमाल के लिए इसे बाज़ार में उतार देना खतरनाक साबित हो सकता है।
रूसी रक्षा मंत्रालय और गमलेया नैशनल सेंटर फॉर रिसर्च द्वारा संयुक्त रूप से विकसित (Developed jointly by the Ministry of Defence Gamalaya National Center for Research) इसे वैक्सीन के बारे में रूसी एजेंसियां दावा कर रही है कि, जल्द वैक्सीन को बनाने का कारण उनके द्वारा किये जा रहे पिछले 20 वर्षों के शोध का नतीज़ा है। इसीलिए पर्याप्त अनुभव के चलते दोनों संस्थानों को शुरूआती मेहनत नहीं करनी पड़ी। इसके शोध और विकसित करने की प्रक्रिया में लगे कई लोगों ने इसका इस्तेमाल किया है, उन कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ा है। वैक्सीन में इस्तेमाल तत्व किसी तरह की अनुवांशिक प्रतिकृति (Genetic replication) भी तैयार नहीं करते है। फिलहाल WHO रूस के दावे की पड़ताल करेगा।
इस पूरे प्रकरण के बीच राष्ट्रपति राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रम्प ने अमेरिकी कम्पनी मॉडर्ना पर अपना विश्वास जाहिर किया। साथ ही समझौता ज्ञापन (memorandum of Understanding) द्वारा कंपनी को 10 करोड़ खुराकों की आपूर्ति करने का ऑर्डर दिया। दिलचस्प ये है कि कंपनी अभी दवा/वैक्सीन के शोध और ट्रॉयल के दौर से गुजर रही है। अमेरिकी सरकार ने ये कदम शुरूआती नतीज़ो और संभावित प्रभाव (Early results and potential effects) को देखते हुए उठाया। कंपनी द्वारा आपूर्ति की गयी दवा/वैक्सीन पर अमेरिकी सरकार का मालिकाना हक़ होगा। राष्ट्रपति ट्रम्प ने इस समझौते का औपचारिक ऐलान प्रेस ब्रीफिंग के दौरान किया।