नई दिल्ली (शौर्य यादव): Manipur Ethnic Violence: मणिपुर में बेरोकटोक हिंसा के कारण जातीय संघर्ष पर चिंता ज़ाहिर करते हुए, भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी (US Ambassador Eric Garcetti) ने बीते गुरुवार (6 जुलाई 2023) को कहा कि “अगर कहा गया तो उनका देश किसी भी तरह से सहायता करने के लिये तैयार है। हम जानते हैं कि ये भारतीय मामला है और हम शांति के लिये प्रार्थना करते हैं और ये जल्द ही आ सकती है।”
गार्सेटी ने बताया कि मदद की उनकी पेशकश रणनीतिक चिंताओं से नहीं, बल्कि मानवीय आधार पर है। इसी मुद्दे पर उन्होनें कहा कि- “जब बच्चे या आम लोग इस तरह की हिंसा में मरते हैं तो इसकी परवाह करने के लिये आपको भारतीय होने की ज़रूरत नहीं है। हम शांति को कई अच्छी चीजों के लिये एक मिसाल के रूप में जानते हैं। पूर्वोत्तर (Northeast) और पूर्व में बहुत प्रगति हुई है…अगर कहा जाये तो हम किसी भी तरह से सहायता करने के लिये पूरी तरह से तैयार हैं। हम जानते हैं कि ये पूरी तरह भारत का अंदरूनी मामला है और हम शांति के लिये प्रार्थना करते हैं और ये जल्द ही आ सकती है। क्योंकि अगर शांति बनी रहे तो हम ज्यादा सहयोग, ज्यादा परियोजनायें, ज्यादा निवेश क्षेत्र में ला सकते हैं।”
गार्सेटी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया ज़ाहिर करते हुए कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी (Congress MP Manish Tiwari) ने कहा कि- “भारत ने अपने आंतरिक मामलों पर कभी भी किसी बाहरी के बयान की तारीफ नहीं की है। अमेरिका में बंदूक हिंसा हो रही है और कई लोग मारे गये हैं। हमने अमेरिका से कभी नहीं कहा कि वो हमसे सीखे कि इस पर कैसे लगाम लगाई जाये। अमेरिका को नस्लवाद को लेकर दंगों का सामना करना पड़ता है। हमने उनसे कभी नहीं कहा कि हम उन्हें इस पर लेक्चर देंगे… नये राजदूत को भारत-अमेरिका संबंधों के इतिहास का संज्ञान लेना चाहिये।”
मणिपुर के हालातों को दुखद बताते हुए तिवारी ने कहा कि- “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को राज्य का दौरा करना चाहिये था और वहां क्या हो रहा है, इस पर बोलना चाहिए था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) को वहां स्थिति सामान्य होने तक लगातार राज्य का दौरा करना चाहिये था और कांग्रेस इस मुद्दे को संसद में उठायेगी।”
इस बीच मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह (Chief Minister N. Biren Singh) ने ऐलान किया कि मैतेई और कुकी समुदायों (Meitei and Kuki communities) की ओर से अपने गांवों की रक्षा के लिये बनाये गये सभी बंकरों को तबाह कर दिया जायेगा, सुरक्षा प्रतिष्ठान के एक बड़े वर्ग को इस बात पर संदेह है कि ये मुकाम कैसे हासिल किया जायेगा? दोनों तरफ से हिंसा हो रही है और लोग अपने हथियार डालने को भी तैयार नहीं हैं। मणिपुर में 3 मई से दोनों समुदायों के बीच लगातार झड़पें देखी जा रही हैं, जो मेइतेई लोगों के लिये अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग के विरोध में आयोजित रैली की वज़ह से शुरू हुआ था।