एजेंसियां/न्यूज डेस्क (देवव्रत उपाध्याय): पेंटागन ने आज (14 दिसंबर 2022) पूर्वोत्तर अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में चीनी घुसपैठ (Chinese Intrusion) की कोशिशों की निंदा करते हुए कहा कि ये कदम दिखाता है कि बीजिंग (Beijing) अमेरिकी सहयोगियों और इंडो-पैसिफिक में उसके भागीदारों को लेकर कितना आगबबूला है। इन लोगों को लेकर चीनी रवैया काफी आक्रामक हो चला है। अरूणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच 9 दिसंबर को हुई झड़प से जुड़े एक सवाल के जवाब में पेंटागन के प्रेस सचिव ब्रिगेडियर-जनरल पैट्रिक राइडर (Brigadier-General Patrick Ryder) ने ये कहा। उन्होनें आगे कहा कि- भारतीय सैनिकों ने पीएलए के घुसपैठ के प्रयासों को नाकाम कर दिया।
ये पूछे जाने पर कि क्या पेंटागन (Pentagon) चिंतित था कि इस संघर्ष से भारत और चीन के बीच बड़ा सैन्य टकराव हो सकता है, पेंटागन ने कहा कि अमेरिकी रक्षा विभाग वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ-साथ घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रहा है, इस दौरान पैट्रिक राइडर ने ये भी दावा किया कि चीन ने तवांग (Tawang) में सैन्य बुनियादी ढांचे बढ़ाते हुए सैन्य बलों को एकत्र करना जारी रखे हुआ है।
पेंटागन ने आगे कहा कि, ‘हम अपने सहयोगियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर कायम रहेंगे और हम इस तनाव स्थिति को कम करने के लिये भारत की ओर किये जा रहे प्रयासों का पूरा समर्थन करते हैं।’
बता दे कि चीनी सैनिकों ने 9 दिसंबर को पूर्वोत्तर भारत के अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) तवांग इलाके में घुसपैठ की कोशिश की थी। मामले पर भारतीय सेना (Indian Army) के बयान में कहा गया है कि आमने-सामने की लड़ाई में दोनों पक्षों के कुछ सैनिको को मामूली चोटें आयी।
जून 2020 में दोनों देशों के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ-साथ उत्तरी भारत में लद्दाख (Ladakh) की गलवान घाटी (Galvan Valley) में भयंकर संघर्ष के बाद भारत और चीन के बीच संबंधों में काफी गिरावट आयी है। लद्दाख में एलएसी (LAC) पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच गतिरोध लगातार तनावपूर्ण बना हुआ है। तनाव के ये हालात दिसंबर 2022 में 20वें महीने में भी जस के तस बने हुए है।