एजेंसियां/न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): Drone Attack: अमेरिकी रक्षा विभाग ने बीते शुक्रवार (15 अक्टूबर 2021) को कहा कि वो अगस्त में अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में गलत तरीके से किये गये ड्रोन हमले में मारे गये 10 लोगों के रिश्तेदारों को शोक संवेदना व्यक्त की।पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी (Pentagon spokesman John Kirby) ने अपने एक बयान में कहा कि अमेरिकी रक्षा विभाग (US Department of Defence) उस कथित हमले में मृतक लोगों के परिवारों वालों को अमेरिका में बसाने में मदद करेगा। जिसके लिये अमेरिकी विदेश विभाग भी रक्षा विभाग की मदद करेगा।
किर्बी ने कहा कि ये मामला गुरुवार को नीति के अवर रक्षा सचिव डॉ कॉलिन काहल (Under Secretary of Defence for Policy Dr Colin Kahl) और गैर-लाभकारी समूह न्यूट्रिशन एंड एजुकेशन इंटरनेशनल के संस्थापक और अध्यक्ष डॉ स्टीवन क्वोन के बीच एक बैठक के दौरान उठाया गया। डॉ काहल पीड़ित परिवारों के लिये रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन की प्रतिबद्धता दोहराई, जिसमें मुआवज़ा रकम देने की पेशकश भी शामिल है। फिलहाल ये नहीं पता लगा सका है कि पीड़ित परिवारों को कितना पैसा मुआवज़ा दिया जायेगा।
गौरतलब है कि बीते 29 अगस्त को एक अमेरिकी हेलफायर मिसाइल (American Hellfire Missile) ने एक कार को निशाना बनाया था। जिसे अफगानी नागरिक जेमेराई अहमदी चला रहे थे। मिसाइल में दायरे में अहमदी का परिवार आ गया, जिसमें सात बच्चों समेत परिवार के कुल 10 सदस्यों की मौत हो गयी। इस हमले के करीब एक हफ़्ते बाद यूएस सेंट्रल कमांड के प्रमुख मरीन जनरल फ्रैंक मैकेंजी (Marine General Frank McKenzie, head of US Central Command) ने इसे दुखद गलती माना और कहा कि इस हमले में निर्दोष नागरिक मारे गये थे।
गौरतलब है कि अमेरिकी सेना ने शुरू में इस हमले का बचाव करते हुए कहा था कि उसने इस्लामिक स्टेट (आइसिस) समूह के "सहायक" को निशाना बनाया था और अफगानिस्तान से अमेरिकी और नाटो सैनिकों की वापसी के अराजक अंतिम चरणों के दौरान हमलों को अंजाम देने की आतंकवादियों की क्षमता को बाधित किया। बता दे कि अगस्त के आखिर में काबुल हवाई अड्डे के एक गेट पर आईएसआईएस द्वारा आत्मघाती बमबारी (Suicide Bombing) के बाद ड्रोन हमले में 169 अफगान और 13 अमेरिकी सैन्य कर्मियों की मौत हो गई थी।