न्यूज डेस्क (देवेंद्र कुमार): बारामती सांसद और राकांपा की हाल ही में नियुक्त कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले (Supriya Sule) ने वरिष्ठ नेता अजीत पवार (Ajit Pawar) के पार्टी संरक्षक शरद पवार (Sharad Pawar) के हालिया फैसले से नाराजगी होने की खबरों पर चुप्पी तोड़ी। बता दे कि पवार ने राज्यसभा सांसद प्रफुल्ल पटेल के साथ अपनी बेटी सुप्रिया को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP- Nationalist Congress Party) का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है।
एनसीपी में दरार की खबरों को गप करार देते हुए, सुले ने अजीत पवार के बारे में अटकलों को खारिज कर दिया कि वो उनके प्रमोशन से खुश नहीं हैं। पवार के फैसले को भतीजे अजीत पवार को दरकिनार करने के तौर पर देखा जा रहा है, जिन्हें बागी तेवर के लिये जाना जाता है। सुले ने अजीत पवार के साथ अनबन की मीडिया रिपोर्टों और परिवारवादी राजनीति के विपक्ष के आरोपों पर प्रतिक्रिया ज़ाहिर की। सुप्रिया सुले ने कहा कि-“ये सब लफ्फाज़ी है। दादा (अजीत पवार) राज्य (विधानसभा) में विपक्ष के नेता हैं। उनका पद मुख्यमंत्री के बराबर होता है। भाजपा अजीत पवार को निशाना बनाने की कोशिश कर रही है…कभी-कभी वो मुझे भी निशाना बनाते हैं।’
अजीत पवार को शरद पवार के उत्तराधिकारी के तौर पर देखा जाता था। हालांकि भाजपा के साथ उनके पिछले गठबंधनों को राकांपा ने अच्छी तरह से मंजूर नहीं किया था। साल 2019 में तत्कालीन सीएम देवेंद्र फडणवीस (CM Devendra Fadnavis) के साथ महाराष्ट्र (Maharashtra) के उपमुख्यमंत्री के तौर पर उनका नाम कथित तौर पर सुबह होने वाले शपथ ग्रहण में शामिल था।
परिवारवाद की राजनीति के आरोपों पर सुले ने कहा कि, ‘हां, वंशवादी राजनीति है और मुझे बेहद गर्व है कि मैं शरद पवार और प्रतिभा पवार (Pratibha Pawar) की बेटी हूं। मुझे संसद रत्न पुरस्कार इसलिये नहीं मिला है क्योंकि मैं शरद पवार की बेटी हूं, बल्कि इसलिये मिला है कि मैं संसद में काम कर रही हूं। नियुक्ति (कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में) के बाद, मैं अब प्रफुल्लभाई (पटेल) और शरद पवार को रिपोर्ट करूंगा। बल्कि एनसीपी एक ऐसी पार्टी है, जहां हम लोकतंत्र में विश्वास करते हैं, ये एक कॉर्पोरेट कार्यालय की तरह नहीं है।