न्यूज डेस्क (दिगान्त बरूआ): Mahant Narendra Giri Death: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष 72 वर्षीय महंत नरेंद्र गिरि के प्रयागराज स्थित बाघंबरी मठ (Baghambari Matha) में मृत पाये जाने के बाद उनके शिष्य आनंद गिरि को हिरासत में ले लिया गया। गौरतलब है कि महंत नरेंद्र गिरि का शव उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में बाघांबरी मठ के कमरे से लटका मिला था। शव के पास मिले सुसाइड नोट में शिष्य आनंद गिरी समेत आध्या तिवारी और संदीप तिवारी का जिक्र था। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।
महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि पहले भी विवादों में रहे हैं। आनंद गिरि पर पहले भी कई गंभीर आरोप लग चुके हैं। एक वक़्त था जब आनंद गिरि महंत नरेंद्र गिरि के करीबी थे, हालांकि जब आनंद गिरि (Anand Giri) विवादों में घिरने लगे तो इसका सीधा असर दोनों के रिश्तों पर पड़ा। एक बार महंत नरेंद्र गिरि ने कहा था कि आनंद पर लंबे समय से नजर रखी जा रही है। लगातार कई विवाद सामने आने के बाद रिश्तों में आयी खटास के कारण महंत नरेंद्र गिरि ने आनंद गिरि से किनारा कर लिया।
उत्तराखंड के रहने वाले आनंद गिरि निरंजनी अखाड़े के सदस्य थे। उन पर संतों की परंपराओं का पालन नहीं करने और लगातार अपने परिवार के साथ संबंध बनाये रखने का आरोप लगाया था। अखाड़े के कई लोगों का आरोप है कि आनंद गिरि सांसारिक जीवन से मुंह नहीं मोड़ पा रहा था। आनंद ने मठ के पैसे और अपने रसूख का इस्तेमाल निजी कामों में किया। जिसके बाद उन्हें निरंजनी अखाड़े से निकाल दिया गया।
निरंजनी अखाड़े से निकाले जाने के बाद आनंद गिरि ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर अपने गुरु महंत नरेंद्र गिरि पर पलटवार किया और उन पर बाघंबरी मठ की जमीन बेचने का आरोप लगाया। आनंद गिरि ने इस साल मई महीने में महंत नरेंद्र गिरि के पैर पकड़कर माफी मांगी, जिसके बाद दोनों के बीच विवाद खत्म हो गया। इसके साथ ही आनंद गिरि ने निरंजनी अखाड़े (Niranjani Akhara) के पंच परमेश्वर से भी माफी मांगी थी। इस घटनाक्रम के बाद महंत नरेंद्र गिरि ने आनंद गिरि पर से सभी प्रतिबंध हटा दिये और उन्हें प्रयागराज के मठ और हनुमान मंदिर में जाने की अनुमति दे दी।
साल 2019 में दो विदेशी महिलाओं ने आनंद गिरि के खिलाफ छेड़छाड़ का मामला (Molestation Case) दर्ज कराया था। महिलाओं ने ऑस्ट्रेलिया में आनंद गिरि के खिलाफ योग सिखाने के बहाने छेड़खानी करने की शिकायत दर्ज करवायी थी। मामला दर्ज होने के बाद आनंद गिरि को पुलिस ने हिरासत में ले लिया और अदालत में पेश करने के बाद कुछ दिनों के लिये उसे सिडनी जेल (Sydney Jail) में डाल दिया था। हालांकि अदालत ने बाद में आनंद गिरि को बरी कर दिया और उन्हें भारत लौटने की इज़ाजत दे दी।