Anna Hazare: भ्रष्टाचार के खिलाफ 19 जून को अन्ना हजारे शुरू करेगें अपना संगठन ‘राष्ट्रीय लोक आंदोलन’

न्यूज डेस्क (मृत्युजंय झा): सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे (Social Activist Anna Hazare) अपने जन्मदिन पर अपना खुद का संगठन शुरू करने के लिये पूरी तरह तैयार हैं। वो अपना ‘राष्ट्रीय लोक आंदोलन’ (Rashtriyalok Andolan) शुरू करने के लिये 19 जून को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का दौरा करने वाले है, जिसके बाद कार्यक्रम की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया जायेगा। बताया जा रहा है कि उनका संगठन भ्रष्टाचार के खिलाफ काम करेगा। अन्ना हजारे 19 जून को अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान अपने संगठन का शुभारंभ करेंगे।

अन्ना हजारे के सहयोगी भोपाल सिंह (Anna Hazare’s aide Bhopal Singh) ने बीते बुधवार (7 जून 2022) को कहा कि, “अन्ना हजारे ने अब तक कोई राजनीतिक दल नहीं बनाया या कोई  गठबंधन नहीं बनाया। अब उन्होंने ‘राष्ट्रीय लोक आंदोलन’ संगठन बनाया है, जिसके जरिये वो भ्रष्टाचार (Corruption) के खिलाफ काम करेंगे। लोगों ने उन्हें ‘स्लीपिंग एक्टिविस्ट’ करार दिया और उन पर कदम न उठाने का आरोप लगाया। लेकिन हर कोई भूल गया कि वो सामाजिक कार्यकर्ता है और सड़कों पर घूमने वाले राजनीतिक नेता नहीं।”

भोपाल सिंह ने आगे कहा कि जरूरत पड़ी तो अन्ना हजारे सामने आयेगें। इस संगठन के लिये अन्ना हजारे द्वारा ‘राष्ट्रीय लोक आंदोलन’ के तहत 10 सदस्यीय टीम बनायी गयी है। ये संगठन राजनीतिक नेताओं को खुद में शामिल नहीं करेगा, क्योंकि ये भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने के लिये बना एक अलग संगठन है”

हाल ही में सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने लोकायुक्त (Lokayukta) कानून बनाने में देरी को लेकर आंदोलन शुरू करने की बात कही थी। उन्होंने ऐलान किया कि 9 अगस्त से महाराष्ट्र के 35 जिलों के कम से कम 200 तालुकों में शांतिपूर्ण आंदोलन किया जायेगा, जब तक कि एमवीए (MVA-Maha Vikas Aghadi) सरकार भ्रष्टाचार को मिटाने के लिये मजबूत लोकायुक्त कानून नहीं बनाती है।

17 मई को महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे (Maharashtra CM Uddhav Thackeray) को लिखे एक खत में, हजारे ने मांग की कि मुख्य सचिव को अधिनियम का मसौदा तैयार करने के लिये गठित समिति की शेष दो बैठकें बुलाने का निर्देश दिया जाना चाहिये।

अन्ना हजारे ने कहा कि, “देश में कुछ राज्यों ने लोकायुक्त कानूनों को मार्गदर्शक सिद्धांतों के अनुसार अधिनियमित किया है, मैं 30 जनवरी 2019 से 5 फरवरी 2019 तक उपवास पर बैठा था, जब देवेंद्र फडणवीस सरकार (Devendra Fadnavis Govt.) लोकायुक्त कानून की मांग करने के लिये सत्ता में थी। इसे संसद द्वारा पारित कानून में मार्गदर्शक सिद्धांतों के आधार पर राज्य में अधिनियमित किया जाना चाहिये। तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा मुझे लिखित आश्वासन दिये जाने के बाद कि महाराष्ट्र सरकार मुख्य सचिव (Chief Secretary to Government of Maharashtra) की अध्यक्षता में एक मसौदा समिति बनाने के लिये तैयार है, मैंने अपना आंदोलन वापस ले लिया। महाराष्ट्र में लोकायुक्त कानून बनाने के लिये।”

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