न्यूज डेस्क (मृत्युजंय झा): Chinese Loan App: मध्य प्रदेश में एक खुशहाल और खुशमिजाज परिवार चीनी लोन के बनाये गये मकड़जाल में फंस गया, जिससे पूरा परिवार तबाह हो गया। इंदौर (Indore) में एक इंजीनियर ने अपनी पत्नी और दो बच्चों की हत्या कर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। अपने पोते-पोतियों को गोद में खिलाने की उम्र में दादा को अपनी गोद में उनकी लाशें रखनी पड़ी।
परिवार की असामयिक मृत्यु के पीछे की वज़ह वो लोन ऐप्स हैं, जिनसे इंजीनियर अमित यादव (Engineer Amit Yadav) ने कर्ज लिया था, जिसका ऊंचा ब्याज वो चुका नहीं पा रहा था। आखिर में उसके पास अपने परिवार को मारने और आत्महत्या करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा।
अपनी पत्नी और बच्चों की हत्या करने वाले इंजीनियर अमित यादव द्वारा छोड़ा गया दर्दनाक सुसाइड नोट चीनी कंपनियों के डिजाइन किये गये इन लोन ऐप के खिलाफ गवाही देता है। सुसाइड नोट में उसने अपने परिवार और फिर खुद को मारने के लिये इन चीनी लोन ऐप्स को दोषी ठहराया।
अपने सुसाइड नोट में अमित यादव ने लिखा कि, ‘मेरी भी जीने की ख्वाहिश है, लेकिन मेरे हालात पहले जैसे नहीं हैं। मैं बुरा आदमी नहीं हूँ। गलती किसी की नहीं मेरी है। मैंने कई ऑनलाइन ऐप्स से कर्ज लिया है। जैसे ट्रू बैलेंस, मोबी पॉकेट, मनी व्यू, स्मार्ट कॉइन, रूफिलो। लेकिन मैं कर्ज नहीं चुका पा रहा हूं। मैं सम्मान के डर से ये कदम उठा रहा हूं।”
बता दे कि अब तक सैकड़ों लोग इन ऐप्स के जरिये कर्ज के जाल में फंसकर आत्महत्या कर चुके हैं। हाल के दिनों में बिहार से लेकर मध्य प्रदेश, तेलंगाना और बंगाल (Telangana and Bengal) तक कई राज्यों में 15 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इन लोगों ने चाइनीज लोन एप्स की मदद से कर्ज लिया था और चुका नहीं पाने पर उन्हें इतना प्रताड़ित किया गया कि उन्हें आत्महत्या का रास्ता आसान लगा।
हाल ही में दिल्ली पुलिस के साइबर सेल ने एक चीनी लोन ऐप फ्रॉड को पकड़ा, इस मामले में 22 लोगों को गिरफ्तार किया। इन लोन ऐप का इस्तेमाल ग्राहकों को पैसे देने के लिए किया जाता था, और ऊंचे ब्याज पर लोन देकर हजारों लोगों का मोबाइल डेटा चुरा लिया जाता था, लोगों को उनकी निजी जानकारी से ब्लैकमेल किया जाता था।
गौरतलब है कि चीन और हॉन्ग कॉन्ग (China and Hong Kong) में अलग-अलग तरह के लोन ऐप तैयार किये जाते हैं, जिन्हें बाद में गूगल प्ले स्टोर पर डाल दिया जाता है। इसके बाद मोबाइल फोन पर इंस्टेंट लोन की पेशकश करने वाले लोगों को संदेश भेजे जाते हैं, जिसमें फर्जी लोन ऐप्स के लिंक होते हैं।
जो लोग लोन ऐप डाउनलोड करते हैं, उन्हें इन ऐप्स को अपने व्यक्तिगत डेटा, गैलरी और संपर्क सूची तक पहुंचने की मंजूरी देनी होती है। सबसे पहले प्रोसेसिंग फीस के नाम पर कर्ज लेने वाले से मोटी रकम वसूल की जाती है।
इसके बाद कर्ज पर ब्याज दर मनमाने ढंग से बढ़ायी जाती है जो 36 फीसदी तक पहुंच जाती है। जिन यूजर्स को 5 से 10 हजार की जरूरत थी, उनसे एक लाख रुपये तक चार्ज किये जाते हैं, लेकिन खेल यहीं खत्म नहीं होता है। कर्ज चुकाने के बाद भी यूजर्स से ज्यादा पैसे की मांग की जाती है।
इंस्टेंट लोन ऐप्स के लालच में अब तक लाखों लोगों को लूटा जा चुका है। कोरोना महामारी के दौरान लोन एप्स गिरोहों का ये धंधा कुछ ज्यादा ही बढ़ गया था क्योंकि लंबे समय तक लॉकडाउन के चलते लोगों की नौकरी चली गयी थी।
अब आरबीआई (RBI) ने अवैध गतिविधियों में लिप्त डिजिटल लेंडिंग प्लेटफॉर्म के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाया और डिजिटल लोन देने के लिये सख्त दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। गाइडलाइंस के मुताबिक कोई भी डिजिटल लेंडिंग कंपनी यानि लोन ऐप ग्राहक की सहमति के बिना लोन बांट नहीं पायेगी और न ही कर्ज चुकाने की अवधि बढ़ा पायेगी।
नई गाइडलाइंस के मुताबिक अब आरबीआई में रजिस्टर्ड कंपनियां या लोन ऐप ही ग्राहकों को डिजिटल लोन दे सकेंगे। इंस्टेंट लोन ऐप्स अपने ग्राहकों से कोई छिपा हुआ शुल्क नहीं ले सकते। इसके अलावा कोई भी डिजिटल लेंडिंग कंपनी ग्राहकों की निजी जानकारी को स्टोर नहीं करेगी। इसके अलावा कर्ज चुकाने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद कंपनी को ग्राहक से जुड़े पूरे रिकॉर्ड को हटाना होगा।