Anthrax: केरल में तेजी से फैल रहा एंथ्रेक्स, राज्य प्रशासन हाईअलर्ट पर

न्यूज डेस्क (यामिनी गजपति): केरल के अथिरापिल्ली (Athirappilly of Kerala) के जंगलों में बीते कुछ दिनों में एंथ्रेक्स (Anthrax) के प्रकोप की वज़ह कई जंगली सूअरों (Wild Boars) की मौत हो गयी। राज्य सरकार ने खुद इस बात का खुलासा किया। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज (Health Minister Veena George) ने कहा कि अथिरापिल्ली के जंगली इलाके में जंगली सूअर में एंथ्रेक्स की मौजूदगी की पुष्टि हुई है।

जॉर्ज ने अपने बयान में आगे कहा  कि, “अथिराप्पिल्ली के जंगलों में जंगली सूअरों की मौत हो गयी है। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग, पशुपालन विभाग और वन विभाग ने मामले पर जांच बैठायी। एंथ्रेक्स संक्रमण (Anthrax Infection) के मामले की पुष्टि करने के लिये इनके सैंपलों की टेस्टिंग की गयी।”

बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग एंथ्रेक्स के फैलाव को रोकने के लिये तत्काल कदम उठा रहा है, जो मिट्टी में कुदरती तौर पर पाये जाने वाले बैक्टीरिया (Bacteria) के साथ आमतौर पर घरेलू और जंगली जानवरों के संपर्क में आने पर उन्हें प्रभावित करता है। स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि जंगली सूअर के शवों को निकालने और दफनाने गये लोगों पर निगाहें रखी जा रही है।

वीना जॉर्ज ने कहा कि- जरूरत पड़ने प्रिवेन्टिव ट्रीटमेंट भी दिया जा रहा है। अगर जंगली सूअर समेत जानवर बड़े पैमाने पर मरे हुए पाए जाते हैं तो खास देखभाल की जानी चाहिये। मामले पर स्वास्थ्य अधिकारियों ने लोगों से ऐसी जगहों पर नहीं जाने के लिये कहा। उन्होंने लोगों से ये भी अनुरोध किया कि अगर ऐसा कोई मामला सामने आता है तो वो अधिकारियों तुरन्त को सूचना दे।

आखिर क्या है एंथ्रेक्स?

एंथ्रेक्स मिट्टी में कुदरती तौर पर पाया जाने वाला जीवाणु है, जो कि आमतौर पर घरेलू और जंगली जानवरों के संपर्क में आने पर उन्हें प्रभावित करता है। गंभीर बीमारी ज्यादातर भेड़ (Lamb), मवेशियों और कभी-कभी इंसान भी इस बीमारी की चपेट में आ जाते है। जो कि आगे चलकर मौत का कारण बन सकता है।

किसी संक्रमित जानवर के संपर्क में आने इंसान के अंदर एंथ्रेक्स फैल सकता है। बीमारी के लक्षण इस बात पर निर्भर करते है कि संक्रमण ने इंसानी शरीर पर किस रास्ते हमला किया है। इसकी वज़ह से त्वचा का अल्सर (Ulcer) हो सकता है। इंसानी त्वचा पपड़ी जैसी बन जाती है।

ज़्यादा खतरनाक होने पर ये श्वसन तंत्र पर हमला कर देता है, जिससे कि सांस लेने में कठिनाई हो सकती हैं। ऐसे में एंटीबायोटिक ट्रीटमेंट (Antibiotic Treatment) ज़्यादातर इंफेक्शन को ठीक कर सकता है। इनहेल्ड एंथ्रेक्स का इलाज करना कठिन होता है और ये घातक भी हो सकता है।

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