जिस तरह से उत्तरी पूर्वी दिल्ली (North East Delhi) में दंगे हुए और उसमें आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के पार्षद (Councilor) का नाम सामने आया उसे लेकर देशभर में अरविंद केजरीवाल (Arvind kejriwal) पर तरह-तरह के सवाल दागे जा रहे हैं। इस बीच दिल्ली सरकार (Delhi Government) के एक फैसले ने फिर से आम आदमी पार्टी की राजनीतिक शुचिता पर सवालिया निशान लगा दिया है। दिल्ली सरकार ने 4 साल पुराने जेएनयू (JNU) में लगे देशद्रोही नारों के मामले में कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) पर राजद्रोह (Treason) का मुकदमा चलाने के लिए हरी झंडी दे दी है। जैसे ही मंजूरी दिल्ली पुलिस (Delhi Police) को मिली केजरीवाल भाजपा सहित दक्षिणपंथी विचारधारा (Right wing ideology) वाले लोगों के निशाने पर आ गए। लोग सवाल उठाने लग गये कि, जब यही फैसला देना था तो इतनी देर क्यों की गई? क्या केजरीवाल ऐसा करके उत्तरी पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों का डैमेज कंट्रोल (Damage control) कर रहे हैं?
गौरतलब है कि साल 2016 की फरवरी के दौरान जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (Jawaharlal Nehru University) में कथित रूप से देश विरोधी नारे लगाने का मामला सामने आया था। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के तत्कालीन छात्रसंघ (student Union) अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर खालिद (Umar Khalid) और अनिर्बान भट्टाचार्य (Anirban Bhattacharya) सहित 10 लोगों को चार्जशीट (Chargesheet) में नामजद किया था। दिल्ली पुलिस को मामले में आगे की कार्रवाई के लिए दिल्ली सरकार की मंजूरी की जरूरत थी। जिसे दिल्ली सरकार ने अब जाकर मंजूर किया है। इसी साल जनवरी महीने में दिल्ली पुलिस ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल की थी।
अरविंद केजरीवाल के इस फैसले की जमकर आलोचना (animadversion) हो रही है। लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि, जब यही फैसला (Decision) करना था तो 4 साल की देरी क्यों की? दूसरी तरफ एक जमात उनकी मंशा पर सवाल उठाते हुए पूछ रही है कि, उन्होंने ये फैसला किन हालातों या किस दबाव में लिया? जैसे दिल्ली सरकार का ये फैसला सामने आया तो कन्हैया कुमार ने ट्विटकर लिखा कि- दिल्ली सरकार को सेडिशन केस (Sedition case) की परमिशन देने के लिए…
इस बीच कन्हैया कुमार ट्विट को रि-ट्विट करते हुए बॉलीवुड डायरेक्टर अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) अरविंद केजरीवाल पर करारा तंज कसते लिखते है कि- महाशय अरविंद केजरीवाल जी। आपको क्या कहे। किसी इंसान की रीढ़ का हड्डी ना होना, ये अपने आप में एक तरह से प्रशंसा है। लेकिन आप तो इसके काबिल भी नहीं रहे। लेकिन आप (आम आदमी पार्टी) इसके काबिल नहीं। कितने में बिके ?