Balam Kakdi: व्रत उपवास खासतौर से नवरात्र व्रत में ऋतु फलों में केला, सेव आदि के बाद साधकों की पहली पसंद है बालम ककड़ी। जैसा कि आप लोग जानते है कि प्राचीन काल से ही हमारे भारत में एक से बढ़कर एक शाकाहारी कंदमूल साग सब्जी फल आदि का इस्तेमाल बीमारियों को खत्म करने के लिए किया जाता रहा है।
आज हम आपको एक ऐसे फल के बारे में बताने जा रहे है, जो शारीरिक कमजोरी, नपुंसकता और कई बीमारियों को जड़ से खत्म कर सकता है। इस फल का नाम हैं। बालम खीरा, वालण ककड़ी या बालम ककड़ी। खीरा ककड़ी प्रजाति की तरह ये आकार में बड़ा और ज्यादा गूदेदार होता है।
हरेक फल विक्रेताओं के सेब, केला और ककड़ी की बिक्री भारी तादाद में होनी शुरू हो गयी है। मजे की बात ये है कि ये बालम ककड़ी कुछ सीमित समय (करीब एक माह) के लिये ही उपलब्ध होती है। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की वालन ककड़ी और राजस्थान (Rajasthan) के मेवाड़ क्षेत्र के गोगुन्दा, भीम, देवगढ़ और कुम्भलगढ़ (Deogarh and Kumbhalgarh) में पैदा होने वाली बालम ककड़ी की प्रदेशभर में भरपूर मांग होती है।
अभी बाज़ार में इसकी आवक शुरू हो गयी है.. हरे पीले मिश्रित रंग वाली ठोस वजनदार गूदेदार बालम ककड़ी में प्रचुर मात्रा में पानी होता है। वालण ककड़ी अंदर से मुलायम होती है और खाने में स्वादिष्ट हल्की सी खट्टी मीठी लगती है।
इसके बीज भी मीठे होते है। ऊपर से हरे पीले रंग की ककड़ी का छिलका भी कम होता है। धूप में बारिश होने पर हरी और सफ़ेद रंग की ककड़ी आती है, जो खाने में कम मीठी होती है। इसी तासीर के चलते लोग खीरा, तर ककड़ी और खरबूजे से ज्यादा इसे पसंद करते है।
व्रत उपवास हो या पूरा नवरात्रि (Navratri) का त्यौहार इन्ही ककड़ी से प्लेट या थाली सरोबार रहती है। इसके अन्दर भरपूर मात्रा में कई सारे पोषक तत्व मौजूद है जो सेहत के लिये बहुत ही ज्यादा फायदेमंद होते है। ये 100 से ज्यादा बीमारियों को जड़ से खत्म कर देता है। इस पौधे का पूरा हिस्सा औषधि के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।
बालम खीरे का इस्तेमाल मधुमेह, पेचिस, निमोनिया, गुर्दे की पथरी, त्वचा रोग, रक्त स्त्राव, गठिया, दांत दर्द, सूखी खांसी, पाचन संबंधी, पेट दर्द, आँतों की सूजन, शीघ्रपतन, बालों का सफ़ेद होना, कमर और जोड़ों के दर्द जैसी 100 से ज्यादा गंभीर से गंभीर समस्याओं को जड़ से ख़त्म कर देता है।
अगर किस व्यक्ति के पथरी हो रही हो तो ये फल उस व्यक्ति के लिये किसी रामबाण़ से कम नहीं है। ये आपकी पथरी को बहुत ही आसानी से बाहर निकाल देगा। पथरी को बाहर निकालने के लिये आपको बालम खीरा को अच्छी तरह से सुखाना है और फिर उसे अच्छी तरह से पीसकर उसका चूर्ण बना लेना है और इस चूर्ण में एक चम्मच काला नमक मिलाकर हर रोज रात को सोते हुए 5 ग्राम पानी के साथ लेना है। कुछ ही दिनों में आपकी पथरी बाहर निकल जायेगी।
किसी व्यक्ति या किसी बच्चे को बुखार या निमोनिया रोग हो गया है तो उस व्यक्ति को बालम खीरा की छाल को पीसकर सुबह के समय खाली पेट पिलानी चाहिये, ये बुखार और निमोनिया में बहुत ही जल्दी असर करेगा।
अगर किसी को बार-बार पेचिश की समस्या हो रही है तो बालम खीरे का सेवन जरूर करना चाहिये, इससे पेचिश दूर हो जाती है।
अगर किसी को गठिया का दर्द होता है तो रोजाना बालम खीरे का सेवन सलाद के तौर पर जरूर करें, इससे गठिया का दर्द भी ठीक हो जाता है।
अगर किसी को सूखी खांसी की समस्या रहती है तो काले नमक के साथ बालम खीरे का सेवन करें। इससे सूखी खांसी में भी काफी राहत मिलती है।
अगर किसी को अपच की समस्या रहती है तो बालम खीरा सलाद के रूप में ज्यादा से ज्यादा खाये। ऐसा करने से अपच की समस्या में भी काफी राहत मिलती है।
अगर किसी को कमर दर्द और जोड़ों के दर्द की समस्या रहती है तो नियमित रूप से बालम खीरे का सेवन करें इससे कुछ ही दिनों में कमर दर्द और जोड़ों के दर्द में काफी राहत मिलेगी।
बालम खीरे के सेवन से आप अपने शुगर लेवल को भी नियंत्रित कर सकते हैं। बालम खीरा पर सैंधा या काला नमक और जीरावण मसाला लगा कर भी खाने से बहुत ही स्वादिष्ट लगती है।